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नीतीश ने खुले में नमाज पर प्रतिबंध की मांग को नहीं दी तवज्जो, कहा- इस पर कोई टिप्पणी नहीं.

पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को राज्य के भाजपा नेताओं की खुली जगहों पर ‘नमाज’ पर प्रतिबंध लगाने की मांग से जुड़े सवाल को टालते हुए कहा कि ‘सरकार सभी के लिए है।’ अपने साप्ताहिक कार्यक्रम ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह धार्मिक गतिविधियों से जुड़े मामलों पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे।

नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘मैं ऐसी बातों पर ध्यान नहीं देता। मैं पूजा करने या नमाज अदा करने जैसे मामलों पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। यह सरकार सबके लिए है। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि कोविड-19 महामारी के दौरान (एक अवधि के लिए) धार्मिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।” उन्होंने कहा, ‘‘इन दिनों, मैं देख रहा हूं कि लोग विवाह समारोहों और बारात के दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं करते हैं। लोगों को जिम्मेदाराना व्यवहार करना चाहिए।”

दरअसल, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक हरि भूषण ठाकुर बचोल ने शनिवार को बिहार में खुले में ‘नमाज’ की प्रथा पर रोक लगाने की मांग की थी। पंचायती राज मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता सम्राट चौधरी ने बचोल की मांग को लेकर उनका समर्थन किया है। ओमीक्रोन स्वरूप से खतरे के मद्देनजर कोविड-19 की वर्तमान स्थिति के बारे में कुमार ने कहा कि संकट को रोकने के लिए सभी संभव उपाय किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पिछले दो दिनों में पटना में संक्रमण के मामलों में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में अब तक एक भी व्यक्ति ओमीक्रोन स्वरूप से संक्रमित नहीं हुआ है। पटना में इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) को जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशाला शुरू करने के लिए आवश्यक अनुमति मिल गई है। बाहर से राज्य में आने वाले लोगों की जांच की जा रही है। संक्रमित पाए जाने पर नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे जा रहे हैं।”

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