ओवरहालिंग में 85 लाख रुपये खर्च होने के बाद 15 बार बंद हुई साथा चीनी मिल
अलीगढ़ । गन्ना किसानों के लिए यह सत्र भी कड़वा साबित होता दिख रहा है। गन्ना किसानों को फसल अच्छी होने की भले ही खुशी हो लेकिन साथा चीनी मिल ने गन्ना किसानों को कड़वाहट का एहसास जरूर करवा दिया है।
किसान नेताओं ने प्रशासन पर भले ही दबाव डाल कर मिल का उदघाटन 25 दिसंबर को जरूर करवा दिया लेकिन मिल अभी भी तकनीकी कमियों से जूझती हुई पंद्रह बार बंद हो चुकी है। जब मिल की तकनीकी कमी दूर हुई मिल चलाने के लिए बेगास ही खत्म हो गया। अपनी क्षमता से गन्ना पेराई कर रही मिल को प्रबंधन को सोमवार की सुबह को बंद करना पड़ गया। मिल न चलने से गन्ना खरीद भी रोक दी गई है। हालात यह है कि गन्ना से भरी करीब 50 ट्राली मिल परिसर में खड़ी होकर अपनी गन्ना पेराई का इंतजार कर रही है। मिल कब सुचारू रूप से अपनी क्षमता के साथ उत्पादन करेगी यह बड़ा सवाल गन्ना किसानों के लिए चिंता का कारण बना हुआ है।
साथा चीनी मिल का पेराई सत्र पिछली बार के सत्र से एक माह लेट शुरू हुआ है। 85 लाखों रूपया इसकी ओवरहालिंग पर खर्च किया जा चुका है। उदघाटन के समय कार्यदायी कंपनी बालाजी सोल्यूशन मेरठ के अधिकारियों के द्वारा कहा जा रहा था इस बार मिल की ओवरहालिंग पर पूरी तरह से काम किया गया है। तब माना गया कि मिल पूरी क्षमता से चलेगी और गन्ना किसानों को कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन सत्र की शुरूआत से ही साथा चीनी मिल गन्ना किसानों के लिए खरी नही उतर पाई है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.