22 हजार करोड़ का प्याज सड़ने से बचाने की जद्दोजहद, प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना से ली जाएगी मदद

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2020-21 में लगभग 60 लाख टन प्याज के सड़ने अथवा खराब होने का अनुमान लगाया गया था। वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर 72 लाख टन से अधिक हो गया है।

नई दिल्ली। कभी राजनीतिक दलों के तो कभी उपभोक्ताओं के ‘आंसू निकाल देने’ वाले प्याज को सहेजने-संभालने की कवायद शुरू हुई है। यानी कि लाखों टन प्याज को सड़ने से बचाने के लिए देशव्यापी मुहिम शुरू की जाने वाली है ताकि अक्सर होने वाली किल्लत से बचा जा सके। दरअसल, खेत से निकलने के बाद देश में सालाना 22 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्याज रखरखाव के अभाव में सड़ जाता है। पोस्टहार्वेस्टिंग यानी खेत से तैयार होकर निकलने के बाद देश में प्याज भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से इसकी आपूर्ति बाधित होती है। देश में महंगाई को हवा देने में प्याज की भूमिका अहम होती है। इसीलिए केंद्रीय उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने प्याज भंडारण की आधुनिक और सस्ती तकनीक उपलब्ध कराने के लिए देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों, वैज्ञानिकों, छात्रों और इस दिशा में काम करने वालों को एक मंच पर लाने का फैसला किया है।

केंद्र सरकार ने टमाटर, प्याज और आलू जैसी सब्जियों के भंडारण और सप्लाई चेन को सुरक्षित बनाने के लिए आपरेशन ग्रीन और टाप जैसी योजना शुरू की है। इसीलिए प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना की अवधि को 2021-22 से बढ़ाकर वर्ष 2025-26 तक कर दिया गया है। इस अवधि के लिए 4600 करोड़ रुपये का बजटीय प्रविधान भी कर दिया गया है। इसके लिए किसान उड़ान और किसान रेल जैसी योजनाएं भी शुरू की गई हैं। लेकिन समुचित तकनीक की कमी के चलते प्याज का भंडारण और आपूर्ति में उचित सुधार नहीं हो पा रहा है। प्याज के पोस्ट हार्वेस्ट नुकसान को घटाना एक गंभीर चुनौती बन गया है।

थोड़ा भी बचा लिया गया तो बड़ी उपलब्धि होगी

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि वर्ष 2020-21 में लगभग 60 लाख टन प्याज के सड़ने अथवा खराब होने का अनुमान लगाया गया था। वर्ष 2021-22 में यह बढ़कर 72 लाख टन से अधिक हो गया है। औसत बाजार मूल्य के आधार पर इसकी कीमत 22 हजार करोड़ रुपये बैठती है। बड़े स्तर पर होने वाले इस नुकसान का कुछ हिस्सा भी अगर बचा लिया गया तो यह बड़ी बचत साबित होगी। वर्ष 2021-22 के दौरान प्याज की कुल उपलब्धता 3.86 करोड़ टन है। जबकि ओपनिंग बैलेंस 1.08 करोड़ टन थी। कुल उत्पादन 2.77 करोड़ टन है। इसी दौरान कुल 28 हजार टन प्याज का आयात भी किया गया है। देश में प्याज के उचित टेक्नोलाजी वाले कोल्ड स्टोरेज नहीं है।

प्याज जैसी जिंस के भंडारण के लिए सस्ती और सरल तकनीक की तलाश को हेकाथान का आयोजन किया जाएगा। इसमें देश के आइआइएम, आइआइटी, आइआइएफटी व इससे जुड़े अन्य देशी और विदेशी संस्थानों और वैज्ञानिकों के साथ तकनीक ईजाद करने वालों को आमंत्रित किया जाएगा।

-रोहित कुमार सिंह, सचिव, उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.

ब्रेकिंग
पितरों को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आज ही करें ये उपाय कष्टों से मिलेगी मुक्ति होगी पैसों की आवक कनाडा में निर्वासन का सामना कर रहे छात्रों के मामले में प्रगति कुछ को मिली राहत रकम दोगुना करने का झांसा देकर कागज का बंडल पकड़ाया दो ठग गिरफ्तार रीवा संभाग की 1126546 बहनें लाड़ली बहना योजना से लाभान्वित सीएम के आगमन के आधे घंटे पूर्व मार्गों को किया जाएगा डायवर्ट अपराधियों के अतिक्रमण ध्वस्त कर प्रशासन ने की एक करोड़ 20 लाख रुपये की सरकारी जमीन मुक्त स्कूल चलें हम अभियान 16 से शुरू होंगेएम शिक्षामित्र एप से होगी बच्चों व शिक्षकों की उपस्थित दर्ज मंडला पुलिस व हाक फोर्स को सर्चिंग के दौरान मिला नक्सली डंप जुलाई में होगा शुक्र का महागोचर इन राशि वालों पर खूब बरसेगा धन होंगे मालामाल बिग बाॅस ओटीटी 2 में नजर आएंगे ये फेमस सेलिब्रिटीज इस दिन से शुरू होने जा रहा है शो