कोरोना की तीसरी लहर का खतरा बढ़ते ही एक्शन में सरकार, आक्सीजन प्लांट को लेकर केंद्र ने मांगी जानकारी
पटना। कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के देश स्तर पर बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने अस्पतालों में लगाए गए आक्सीजन प्लांट की सक्रियता परखने का फैसला किया है। मेडिकल कालेज अस्पतालों के साथ जिला और अनुमंडल अस्पतालों में लगाए गए आक्सीजन प्लांट से उत्पादन और आपूर्ति की व्यवस्था सही प्रकार से काम करे, इसके लिए जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि वे पीएसए जेनरेशन प्लांट का तीन महीने में एक बार माक ड्रिल करें और प्लांट की सक्रियता की जानकारी गूगल फार्म में केंद्र सरकार को मुहैया कराएं।
केंद्र के इस आदेश के बाद आक्सीजन उत्पादन और आपूर्ति की व्यवस्था परखने को स्वास्थ्य विभाग ने 23 दिसंबर को मेडिकल कालेज अस्पतालों के साथ जिला और अनुमंडल अस्पतालों में पहली माक ड्रिल आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सभी डीएम, मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल, अधीक्षकों के साथ ही सभी सिविल सर्जनों को इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं।
आदेश में कहा गया है कि पीएसए प्लांट के नोडल अफसर, टेक्नीशियन, बायो मेडिकल इंजीनियर और अन्य वरिष्ठ अफसरों की की मौजूदगी में माक ड्रिल कराई जाए। माक ड्रिल सुबह नौ बजे से लेकर छह घंटे की अवधि के लिए होगी। प्रत्येक दो-दो घंटे में यह पूर्वाभ्यास किया जाएगा। माक ड्रिल संपन्न होने के बाद गूगल फार्म पर इससे जुड़े परिणाम की जानकारी केंद्र सरकार को गूगल फार्म पर मुहैया कराई जाए साथ ही राज्य स्वास्थ्य विभाग को भी इस बारे में विस्तृत रिपोर्ट भेजी जाए।
माक ड्रिल के दौरान किए जाने वाले टास्क
- आक्सीजन शुद्धता स्तर की जांच
- आक्सीजन शुद्धता मानक 90-96 फीसद रहे
- इस दौरान देखा जाएगा कहीं से लीकेज तो नहीं
- आक्सीजन का दाब 4 से 6 बार आवश्यक
- बेड पर प्रवाहित आक्सीजन दाब 4.2 होना जरूरी
- प्लांट में फायर स्टिंगविशर हैं या नहीं