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अवैध बालू उत्खननः मोटरयान निरीक्षक और अंचल अधिकारी के ठिकानों पर EOU ने की छापेमारी

पटनाः बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की अलग-अलग टीम ने पटना के तत्कालीन मोटरयान निरीक्षक मृत्युंजय कुमार सिंह एवं विक्रम के तत्कालीन अंचल अधिकारी वकील प्रसाद सिंह के विभिन्न ठिकानों पर मंगलवार को छापेमारी की।

ईओयू के अपर पुलिस महानिदेशक नय्यर हसनैन खान ने बताया कि मृत्युंजय कुमार सिंह सितंबर 2012 में मोटरयान निरीक्षक के पद पर नियुक्त हुए थे। उन्होंने बताया कि लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरूपयोग कर मृत्युंजय द्वारा आपराधिक षडयंत्र रच कर भ्रष्ट तरीके से की गई काली कमाई को अपने, पज्नी तथा सालों के विभिन्‍न बैंक खातों में रखने के साथ शेल कंपनी बना कर उनके नाम से परिम्पत्ति बनाते हुए धनशोधन कर अपने काले धन को सफेद बनाने का प्रयास किया गया है।

खान ने बताया कि मृत्युंजय पटना, गया आदि जिलों में मोटरयान निरीक्षक के रूप में पदस्थापित रहे हैं तथा अपने भ्रष्ट आचरण के कारण काफी चर्चित रहे एवं इन पर अनेकानेक आरोप लगते रहे हैं। उन्होंने बताया कि मृत्युंजय द्वारा अर्जित कुल चल-अचल परिसंपत्तियां करीब 3,11,88,000 रुपए मूल्य की हैं जो इनके ज्ञात आय के स्रोत से 531 प्रतिशत अधिक है। खान ने बताया कि विक्रम के तत्कालीन अंचल अधिकारी वकील प्रसाद सिंह की नियुक्ति अगस्त 1999 में योजना एवं विकास विभाग में हुई थी। वह पहले नवीनगर, उदवंतनगर एवं बथनाहा में अंचल अधिकारी के पद पर पदस्थापित रहे हैं।

अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि सरकारी सेवा में नियुक्ति से पहले सिंह के पास कोई चल-अचल सम्पत्ति नहीं थी। खान ने बताया कि सेवा के दौरान अपने पद का दुरूपयोग करते हुए सिंह ने अपने और पत्नी के नाम से काफी चल-अचल परिसम्पत्तियां अर्जित की हैं जो उनके वैध ज्ञात आय के स्त्रोत से काफी अधिक है। उन्होंने बताया कि सिंह की कुल चल-अचल परिसम्पत्ति करीब 77.10 लाख रूपये मूल्य की पायी गयी है जो कि इनके ज्ञात आय के स्रोत से 84.2 प्रतिशत अधिक है ।

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