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ब्राह्मणों पर विवादित बयान देकर सुर्खियों में आए मांझी, NDA के कोर वोटरों पर हमला करने के पीछे है ये वजह

पटनाः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अनाप-शनाप बयानों के पीछे परिवार मोह दिखाई दे रहा है। दरअसल, एनडीए के कोर वोटरों पर हमला करके पूर्व सीएम बदले में 3 एमएलसी की टिकट लेना चाहते हैं।

जीतनराम मांझी ने 2018 में लालू यादव से साठगांठ कर अपने पुत्र को हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की तरफ से उम्मीदवार बनाकर राजद विधायकों के वोट से एमएलसी बना दिया था। अब एक बार फिर जब बिहार में 24 एमएलसी के सीटों के लिए चुनाव होना है, तो वह इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं ताकि उन्हें एनडीए की तरफ से कम से कम 3 एमएलसी की सीटें मिल सकें।

वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अपने बयानों से एनडीए के कोर वोटर ब्राह्मण समाज पर हमला करके अपनी राजनीतिक मंशा पूरी करना चाहते हैं। बिहार में भूमिहार ब्राह्मण 6% और ब्राह्मण 5.5 प्रतिशत है। दोनों को मिला दिया जाए तो कुल आबादी 11.5 फीसदी है। मांझी के इस बयान से दोनों समुदायों के लोग दुखी हैं।

बता दें कि बिहार विधान सभा में एनडीए के पास 127 विधायक हैं। इनमें जदयू के पास 45 एमएलए हैं। एक निर्दलीय का समर्थन है। कुल 46 विधायक हैं। भाजपा के पास कुल 74 विधायक हैं। इसके अतिरिक्त 4 विधायक हम के हैं और 3 वीआईपी के विधायक हैं, जिनमें से एक का निधन हो चुका है।

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