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सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्राइमरी स्कूलों के अनुदेशकों व रसोइयों को दिया नए साल का उपहार, बढ़ा मानदेय

लखनऊ। ठंड के मौसम में एक ओर बारिश ने ठिठुरन बढ़ाई तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उपहारों की बरसात करके चार लाख अनुदेशकों व रसोइयों की मुंहमांगी मुराद पूरी कर दी है। सीएम योगी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में कार्यरत अंशकालिक अनुदेशकों का 2000 रुपये और रसोइयों का 500 रुपये प्रतिमाह मानदेय बढ़ाने का ऐलान किया है। नए वर्ष का उपहार देते हुए उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की तर्ज पर अब रसोइयों को भी हर साल दो साड़ी मिलेगी और पांच लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर भी दिया जाएगा। इसके अलावा एप्रन व हेयर कैप की धनराशि उनके बैंक खाते में भेजी जाएगी।

अटल बिहारी वाजपेयी कंवेंशन सेंटर में बुधवार को विशेष कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आये अनुदेशक, रसोइयों ने सीएम योगी आदित्यनाथ से संवाद करते हुए अल्प मानदेय, घर से दूर तैनाती की पीड़ा साझा करते हुए मानदेय बढ़ोतरी की मांग की। सभी का दर्द सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा विद्यालयों के सुधार में अनुदेशकों की भूमिका को सराहा। उन्होंने कहा कि जिस व्यवस्था के तहत अनुदेशकों की नियुक्ति हुई थी, अलग-अलग कारणों से वह वर्ष 2009 में खंडित हो गई। लेकिन, प्रदेश सरकार ने किसी की सेवाएं समाप्त नहीं कीं। मात्र 7,000 रुपये के मासिक मानदेय को बढ़ाये जाने की मांग को वाजिब बताते हुए सीएम ने इसमें 2,000 रुपये की अतिरिक्त बढ़ोतरी कर इसे सम्मानजनक स्तर पर ले जाने की घोषणा की

सीएम योगी आदित्यनाथ ने अनुदेशकों की सेवाओं को व्यवस्थित करने का भरोसा दिलाते हुए आवश्यक कदम उठाने के लिए विभाग को निर्देशित किया। वहीं रसोइयों के कार्यदायित्व की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में रसोइयों का मानदेय 1000 से बढ़ाकर 1500 रुपये मासिक किया गया था। अब कोरोना की चुनौतियों को देखते हुए एक बार फिर इसमें 500 रुपये की बढ़ोतरी की जा रही है। रसोइयों के बैंक में खाते खुलवाए जाएंगे, मानदेय व अन्य धन उसी में आएगा। कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा मंत्री डा. सतीश चंद्र द्विवेदी, प्रमुख सचिव दीपक कुमार, महानिदेशक स्कूल शिक्षा अनामिका सि‍ंह आदि मौजूद थे।

पाल्य होने की बाध्यता पर पुनर्विचार करे बेसिक शिक्षा विभाग : मुख्यमंत्री ने भोजन बनाने वाली रसोइयों और बच्चों के आत्मीय संबंध का जिक्र करते हुए कहा कि रसोइयों की सेवा के नवीनीकरण के लिए संबंधित विद्यालय में उसके पाल्य के होने की बाध्यता पर विभाग पुनर्विचार करे। माना जा रहा है कि अब विद्यालयों में उन महिलाओं को भी रसोइये के रूप में कार्य करने का मौका मिलेगा, जिनके पाल्य संबंधित विद्यालय में पढ़ नहीं रहे हैं। उन्होंने रसोइयों को मनमाने ढंग से सेवा से निकाले जाने को भी अनुचित बताया।

2017 में भाजपा न आती तो बंद हो जाते सैकड़ों परिषदीय विद्यालय : बेसिक शिक्षा विभाग की उपलब्धियों पर आधारित पुस्तिका उन्नयन के साढ़े चार वर्ष का विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा में व्यापक परिवर्तन का श्रेय शिक्षकों, अनुदेशकों, रसोइयों व विभागीय अधिकारियों के सामूहिक प्रयास को दिया। उन्होंने कहा कि 2017 में यदि भाजपा की सरकार नहीं आती तो बहुत से परिषदीय विद्यालय बंद हो गए होते। न जाने कितने शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षामित्रों च रसोइयों की सेवाओं पर खतरा आ जाता, क्योंकि छात्र संख्या लगातार कम हो रही थी। ऐसे में सरकार ने स्कूल चलो अभियान को जनांदोलन बनाने का प्रयास किया। नामांकन कराने, स्कूल में बच्चों को लाने का प्रयास हुआ, जिससे 54 लाख नए बच्चे बीते साढ़े चार साल में इन विद्यालयों से जुड़े हैं।

75 प्रतिशत बालिकाएं व 40 प्रतिशत बालक नंगे पांव पढ़ने जाते थे : प्राथमिक विद्यालयों के आपरेशन कायाकल्प की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने विद्यालयों के शैक्षिक परिवेश में सुधार, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के संकल्प, विद्यालयों में साधन-संपन्नता और व्यापक जनसहभागिता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के एक लाख 56 हजार विद्यालयों में से एक लाख 30 हजार स्कूलों का आपरेशन कायाकल्प के तहत रंग रोगन कराकर सुविधाएं बढ़ाई गई हैं। एक समय था कि 75 बालिकाएं व 40 प्रतिशत बालक नंगे पैर स्कूल आते थे, भाजपा सरकार ने सबको जूता मोजा दिया। ठंड में स्वेटर दिया, दो यूनीफार्म की व्यवस्था की है। इसी वर्ष से एक करोड़ 82 लाख छात्र छात्राओं के अभिभावकों के बैंक खाते में 1100 रुपये की धनराशि भेजी जा रही है।

फिजूल खर्च को रोका, भ्रष्टाचार लगाई लगाम : सीएम ने कहा कि कोरोना काल में पूरी दुनिया में और देश के अन्य राज्यों में कर्मचारियों के वेतन में कटौती हुई। 16 लाख शासकीय कर्मचारी उत्तर प्रदेश में हैं, लेकिन यहां किसी के वेतन व मानदेय में कोई कटौती नहीं हुई। हमने फिजूल खर्च को रोका, भ्रष्टाचार पर लगाम लगाई। अब 15 करोड़ लोगों को मुफ्त में राशन दे रहे हैं। इसके अलावा कोरोना की मुफ्त जांच व वैक्सीन मुहैया कराई गई है।

  • ये मिले उपहार
  • प्रदेश के 27,546 अंशकालिक अनुदेशकों का मासिक मानदेय 7,000 से बढ़कर 9,000 रुपये हुआ।
  • अंशकालिक अनुदेशकों की सेवाओं को और व्यवस्थित करने के लिए उठाए जाएंगे कदम।
  • प्राथमिक विद्यालयों के तीन लाख 78 हजार रसोइयों के मासिक मानदेय में 5,00 रुपये की बढ़ोतरी।
  • रसोइयों को प्रति वर्ष दो साड़ी मिलेगी, एप्रन व हेयर कैप की धनराशि बैंक खाते में भेजी जाएगी।
  • रसोइयों को अब पांच लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा सुरक्षा कवर भी मिलेगा।
  • रसोइयों के सेवा नवीनीकरण के लिए संबंधित विद्यालय में पाल्य के नामांकन का नियम बदलेगा।

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