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अलविदा 2021: इस राज्य में नक्सलवाद पर बड़ा प्रहार, 1 करोड़ के इनामी समेत 410 गिरफ्तार, मुठभेड़ में 6 की मौत

झारखंड में इस वर्ष सुरक्षाबलों ने एक करोड़ रुपये के इनामी नक्सली प्रशांत बोस समेत 443 नक्सलियों को गिरफ्तार कर नक्सलवाद पर नकेल कसने में बड़ी सफलता हासिल की। इसके साथ ही विभिन्न मुठभेड़ों में छह नक्सलियों को मार गिराया गया लेकिन इस दौरान पांच सुरक्षाकर्मियों की भी जान चली गई। माओवादी कमांडर प्रशांत बोस उर्फ ‘किशन दा’ को पुलिस ने 11 नवंबर की रात उसकी माओवादी कमांडर पत्नी शीला मरांडी के साथ सराईकेला खरसांवा के एक अस्पताल से गिरफ्तार कर लिया जहां वह कई दिन से इलाज करा रहा था। नक्सलियों के खिलाफ अभियान में इसे सुरक्षाबलों की इस साल की सबसे बड़ी सफलता माना जा रहा है।

इस साल सुरक्षाबलों के समक्ष कुल 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और उन्होंने हथियार एवं गोला-बारूद भी पुलिस को सौंप दिया। समर्पण करनेवाले इन नक्सलियों को राज्य सरकार ने आत्मसमर्पण नीति का लाभ भी प्रदान किया। झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एवं पुलिस महानिरीक्षक (कार्रवाई) ए वी होमकर ने बताया कि वर्ष 2021 में पुलिस एवं अर्धसैनिक बलों ने राज्य में कुल 443 नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की जबकि इस दौरान विभिन्न मुठभेड़ों में छह नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने मार गिराया। अधिकारी ने कहा कि 70 वर्षीय प्रशांत बोस पर दर्जनों माओवादी घटनाओं में शामिल होने का आरोप है और पुलिस को उसकी वर्षों से तलाश थी। उन्होंने बताया कि सुरक्षाबलों ने इस नक्सली पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित कर रखा था और उसकी पत्नी शीला मरांडी भी माओवादियों की सक्रिय कमांडर रही है। पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि इसके अलावा जिन अन्य शीर्ष नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, उनमें 25 लाख रुपये का इनामी प्रद्युम्न शर्मा और 15 लाख रुपये का इनामी रमेश गंझू भी शामिल है।

उन्होंने कहा कि जिन 19 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, उनमें 15 लाख रुपये का इनामी तृतीय प्रस्तुति कमिटी (टीपीसी) का उग्रवादी मुकेश गंझू, भाकपा माओवादी का दस लाख रुपये का इनामी जीवन कंडुलना और टीपीसी का जोनल कमांडर रघुवंश गंझू भी शामिल है। अधिकारी ने बताया कि इस साल सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जो छह नक्सली मारे गए, उनमें 15 लाख रुपये का इनामी बुद्धेश्वर उरांव, दस लाख रुपये का इनामी शनीचर सुरीन, महेश जी, विनोद भुईयां, अंकित मुंडा और मंगरा लुगून शामिल हैं। होमकर ने कहा कि इस वर्ष नक्सल रोधी कार्रवाई के दौरान सुरक्षाबलों के पांच कर्मियों की भी जान चली गई जिनमें सीमा सुरक्षा बल के उप-कमांडेंट राजेश कुमार और झारखंड पुलिस के हवलदार देवेंद्र कुमार पंडित समेत चार अन्य जवान शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष की खास उपलब्धि यह रही कि नक्सलियों की बड़ी कोशिशों के बावजूद राज्य में आम तौर पर शांति रही और प्रशांत बोस की गिरफ्तारी के बाद माओवादियों के आह्वान पर झारखंड बंद का बहुत कम ही असर देखने को मिला। अधिकारी ने जानकारी दी कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई के दौरान सुरक्षाबलों ने पुलिस से लूटे गए 29 हथियार, 12 सामान्य हथियार, 167 देसी बंदूक, 7509 कारतूस, 353 आईईडी, 229 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री और लेवी में वसूले गए 80 लाख 22 हजार रुपये भी बरामद किए। उन्होंने बताया कि इस वर्ष राज्य में कुल 95 नक्सली घटनाएं हुईं और यह आंकड़ा पिछले वर्ष से तीन अधिक है लेकिन इन घटनाओं में कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

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