ग्वालियर में मिलने लगे काेराेना के मरीज, बरतें सावधानी, वरना झेलना हाेगी लाकडाउन की परेशानी
ग्वालियर। कोरोना से बचने मास्क लगाना और दो गज की सुरक्षित शारीरिक दूरी को मूल मंत्र है, लेकिन शहर में इसका कहीं भी पालन नहीं हो रहा। यह स्थिति तब है जब शहर में रोज कोरोना के मरीज मिल रहे हैं। जुलाई 2021 के बाद कोरोना घटने के साथ ही शहर में लापरवाही का आलम है। कोरोना संक्रमित की संख्या कम होते ही लोगों ने मास्क लगाना बंद कर दिया था। गुरुवार को मिले एक कोरोना संक्रमित सहित शहर में एक्टिव मरीजों की संख्या सात हो चुकी है। वहीं 3 जनवरी 2022 से जिला प्रशासन 15 से 18 आयु वर्ग के बच्चों का टीकाकरण शुरू करेगा। टीकाकरण शिविर लगाने के लिए 116 स्कूलों चिह्नित किए गए हैं। गुरुवार को सिर्फ 5451 लोगों का ही टीकाकरण किया गया।
शहर में लगातार दो दिन से शहर में कोरोना के संक्रमित मरीज मिल रहे हैं। जिले में कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के बाद अब तक 53 हजार 218 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इनमें से 731 लोगों की मौत सरकारी हेल्थ बुलेटिन में दर्ज की गई है। हालांकि मुक्तिधामों में जले शवों की संख्या इससे कहीं अधिक मौतें होना बता रही हैं। इन सभी शवों को कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मुखाग्नि दी गई थी। इस भयाभय स्थिति के बाद भी शहरवासी लापरवाही पर बरत रहे हैं। नईदुनिया की टीम ने शहर के व्यस्त क्षेत्रों में पहुंचकर लापरवाही को कैमरे में कैद किया। वहीं जिला प्रशासन भी लापरवाही को रोकने में सक्रिय नजर नहीं आया।
रेलवे स्टेशन
जब रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो वहां पर 95 प्रतिशत लोग बिना मास्क लगाए घूम रहे थे, और तो और रेलवे का स्टॉफ भी बिना मास्क लगाए ही कार्य कर रहा था। रेलवे स्टेशन पर लोग एक दूसरे से सटकर बैठे हुए थे। वहीं रेलों में भी लोग सफर के दौरान लापरवाही बरत रहे थे। सबसे ज्यादा हालत पैसेंजर ट्रेनों में थी क्योंकि इनमें बिना रिर्जेवेशन के साधारण टिकट लेकर यात्रा की जा सकती है। इसके चलते जनरल डिब्बों में लोग तय से अधिक संख्या में बैठे थे
सैंपल वाली टीमों से होता है झगड़ा
रेलवे स्टेशनों पर आने एवं वहां से जाने वाले लोगों के सैंपल के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें बैठी हैं। यह टीमें जब भी सैंपल लेने के लिए यात्रियों को रोक रही थी तो लोग सैंपल देने की जगह उनसे झगड़ने पर आमादा थे। कोई स्वयं को रेलवे का स्टॉफ बताकर सैंपल लेने वालों को धमका रहा था तो कोई स्वयं को पुलिस अथवा सेना का स्टॉफ बताकर बिना सैंपल दिए निकल रहा था। इसके साथ ही लोग सैंपलिंग से बचने के लिए अन्य कई प्रकार के बहाने बना रहे थे।
महाराज बाड़ा
महाराज बाड़े पर सामान्य की तरह ही भीड़ थी। यहां पर लोग बिना मास्क लगाए घूम रहे थे। साथ ही पुलिस चौकी पर बैठे पुलिस के जवान भी बिना मास्क लगाए ही ड्यूटी कर रहे थे। महाराज बाड़े पर लोग आसानी से बिना हाथों को सेनेटाईज किए सामान को खरीद एवं बेच रहे थे। वहीं सर्दी का मौसम होने के कारण कई लोगों को जुकाम एवं खांसी की शिकायत भी देखी गई। इनमें से कोई भी मास्क नहीं लगाए था और खुले में छींक एवं खांस रहे थे। इनमें से किस एक को भी कोरोना हुआ तो वह कई लोगों को संक्रमित कर सकता है।
टीकाकरण में लापरवाही एक लाख से ज्यादा लोगों ने नहीं लगवाया दूसरा डोज
कोरोना महामारी से बचने के लिए टीकारण को रामबाण माना जा रहा है। लेकिन लोग इस प्रतिरोधक टीके को भी नहीं लगवा रहे हैं। शहर में अभी तक 15.52.306 लोगों ने कोरोना का प्रथम डोज लगवाया है। जबकि दूसरा डोज लगवाने वालों की संख्या 14,47,918 है, इसके चलते एक लाख से अधिक लोग ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना का दूसरा डोज नहीं लगवाया है। अभी तक जिले भर में अभी तक 30,00,224 लोगों को टीका लगाया जा चुका है।
1 जनवरी से बच्चों को लगेगा टीका
1 जनवरी 2022 से जिला प्रशासन 15 से 18 साल तक की उम्र के बच्चों को टीका लगाएगा। इस अभियान के लिए प्रथम फेज में 116 स्कूलों का चयन किया गया है। इसके साथ ही इन विद्यालयों में करीब 400 सेंटर बनाए जाएंगे।
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