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कपड़े, जूते पर पांच फीसद ही रहेगी जीएसटी दर, जबलपुर में विराेध के बाद वृद्धि स्थगित

जबलपुर। एक जनवरी 2022 से कपड़े-जूते पर जीएसटी दर पांच से बढ़ाकर 12 फीसद किए जाने के विरोध में लामबंद व्यापारी संगठनों की नाराजगी को देखते हुए जीएसटी दर में की जा रही बढ़ोत्तरी छ: माह के लिए स्थगित कर दी गई है। जबलपुर थोक कपड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष नवनीत जैन व कैट (कांफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स) के संभाग अध्यक्ष जितेेंद्र पचौरी ने इसकी पुष्टि की है।

विदित हो कि कपड़े, जूते पर जीएसटी दर पांच से बढ़ाकर 12 फीसदी किए जाने के विरोध में कपड़ा, जूता व्यापारी लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। जबलपुर में शाम को प्रतिष्ठानों की 20 मिनट तक बिजली गुल रखी गई। आधे दिन तक प्रतिष्ठान बंद रखे गए। कपड़ा, जूता व्यापारियों के समर्थन में जबलपुर चेंबर आफ कामर्स, महाकोशल चेंबर आफ कामर्स, कैट भी प्रदर्शन में शामिल रहा।

कैट ने भेजा था पत्र : इसी कड़ी में कैट (कांफेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स) ने गत दिवस केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन को एक पत्र भेजकर कपड़े एवं जूते पर जीएसटी दर की जा रही वृद्धि को स्थगित करने की मांग की थी। पत्र में ये भी कहा गया कि कपड़े और जूते पर जीएसटी दर पांच बढ़ाकर 12 प्रतिशत किया जाना अतार्किक है साथ ही जीएसटी कर ढांचे के सिद्धांत का सीधा उल्लंघन हैं। खासकर ऐसे समय में जब देश का घरेलू व्यापार अभी कोविड के अंतिम दो दौर में हुई भारी क्षति से उबरने का प्रयास कर रहा है। कैट के जबलपुर संभाग अध्यक्ष जितेंद्र पचौरी जिला अध्यक्ष दीपक सेठी ने कहा कि देश भर में जीएसटी संग्रह हर महीने बढ़ रहा है। इस तरह हितधारकों से परामर्श के बिना कर दरों में कोई भी वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यापार को सरल बनाने के आह्वान के विपरीत होगा। व्यापारियों के चौतरफा विरोध को देखते हुए जीएसटी दर स्थगित कर दी गई है।

गरीब व मध्यम वर्ग मिली राहत : कैट पदाधिकारियों ने कहा कि कई वर्षों तक कपड़ों पर कोई कर नहीं था। कपड़ा उद्योग को फिर से कर के दायरे में लाना ही पूरे कपड़ा उद्योग के लिए एक बड़ा झटका था। कपड़े पर जीएसटी कर बढ़ाए जाने से न केवल अंतिम उपयोगकर्ता पर वित्तीय बोझ बढ़ता बल्कि छोटे व्यवसायियों का व्यापार भी प्रभावित होता। गरीब व मध्यग वर्ग को अब राहत मिलेगी

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