भोपाल। राजधानी से इंदौर, उज्जैन, धार, नीमच, बैतूल, छिंदवाड़ा, महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित अन्य मार्गों पर चल रही परिवहन सेवा की बसों में सफर करने वाले यात्री मास्क नहीं लगा रहे हैं। चालक, परिचालक हो या फिर बसों में सफर करने वाले यात्री, अधिकांश लोग मास्क नहीं लगा रहे हैं, जो गिने-चुने लोग मास्क लगा भी रहे हैं, वे भी नाक और मुंह को ढंग से नहीं ढक रहे।
जब शहर के आइएसबीटी पर यात्री बसों की पड़ताल की तो अलग-अलग मार्गों पर संचालित बसों में 90 फीसद यात्री मास्क नहीं लगाए थे। 10 फीसद यात्रियों के चेहरे पर मास्क लगे थे, उनमें से पांच फीसद यात्री थे, जिनके मुंह के नीचे मास्क लगा था। बसों को सैनिटाइज करना तो दूर, पानी से भी नहीं धोया जा रहा। बसों में ठीक तरह से साफ-सफाई नहीं की जा रही। यही हाल शहर के भीतर कुल 13 मार्गों पर चलने वाली 196 सिटी बसों का है।
लाकडाउन के बाद जून में शुरुआत में तो भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) ने बसों को मार्गों पर निकालने से पहले सैनिटाइज कराया। कोरोना कम हुआ तो सैनिटाइज करना ही छोड़ दिया। अब कोरोना फिर से बढ़ रहा है। देश-प्रदेश में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रान की दस्तक हो चुकी है। इसके बाद भी सिटी बसों में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं, शहर में संचालित आटो, आपे आटो, ई-रिक्शा, कैब में भी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रबंध नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में हम सब मिलकर कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रान को आमत्रंण दे रहे हैं।
जिम्मेदारों ने शुरू नहीं किया चेकिंग अभियान
बसों सहित सभी तरह के परिवहन सेवा के वाहनों में कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने की जिम्मेदारी आरटीओ, ट्रैफिक पुलिस की है, लेकिन अभी तक जिम्मेदारों ने चेकिंग अभियान शुरू नहीं किया है। कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। इंदौर में कोरोना के अधिक मामले आ रहे हैं। इसके बाद भी इंदौर मार्ग पर चलने वाली बसों में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कराया जा रहा है। आरटीओ उड़नदस्ता चेकिंग अभियान चलाना भूल गया है। वहीं शहर के भीतर चलने वाले परिवहन सेवा के वाहनों मालिकों व चालकों से कोरोना गाइडलाइन का पालन ट्रैफिक पुलिस नहीं करा पा रही है। यदि यही हालात रहे तो जनवरी व फरवरी में कोरोना संक्रमण बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
कोरोना से बचाव के लिए ये जरूरी
-परिवहन सेवा के वाहनों में मास्क व सैनिटाइजर की व्यवस्था जरूरी।
-बसों के प्रवेश द्वार पर एक सैनिटाइजर की व्यवस्था।
-एक फेरा लगाने बाद बसों, आटो, कैब को सैनिटाइज किया जाना चाहिए।
-यात्रियों को मास्क लगाना जरूरी है।
-सुरक्षित शारीरिक दूरी का पालन कराने के लिए बसों में एक सीट छोड़ कर यात्री बैठें।
-कैब में पांच की जगह दो यात्री ही बैठाए जाएं।
-आटो की पीछे वाली सीट पर दो यात्री बैंठे।
एक नजर में यात्री परिवहन सेवा
01 एक लाख शहर में रोजाना आवाजाही करते हैं।
760 निजी बसें भोपाल से अन्य मार्गों पर संचालित हो रही हैं।
150 बसें इंदौर मार्ग पर संचालित होती हैं।
196 बसें बीसीएलएल की शहर में संचालित हो रही हैं।
13 हजार शहर में आटो दौड़ रहे हैं।
04 हजार आपे आटो।
02 हजार ई-रिक्शा।
03 हजार कैब।
कोरोना से बचाव के लिए परिवहन सेवा के वाहनों पर कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने पर कार्रवाई की थी। अब जल्द ही फिर से अभियान चलाकर बसों, आटो, कैब सहित अन्य यात्री वाहनों की जांच करेंगे। कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वाले वाहनों को जब्त किया जाएगा।
-संजय तिवारी, आरटीओ, भोपाल
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