इंदौर। जिला प्रशासन और नगर निगम ने सांवेर रोड पर बरदरी गांव के औद्योगिक क्षेत्र में एक प्लास्टिक कारखाने को सील किया है। कारखाना संचालक ने कारखाना परिसर में तालाब की तरह एक बड़ा गड्ढा खोद रखा है और प्लास्टिक के दाने धोने के बाद दूषित पानी इस गड्ढे में डाला जा रहा था। यही पानी जमीन में उतरकर भूजल को खराब कर रहा है। प्रशासन और नगर निगम की टीम जांच के लिए पहुंची तो यह हकीकत सामने आई। इस पर जांच दल ने कारखाना सील कर दिया।
अपर कलेक्टर पवन जैन ने बताया कि कारखाना प्रबंधन को निर्देश दिए हैं कि इस्तेमाल हो चुके पानी को प्राथमिक स्तर पर उपचारित करने के बाद इसे औद्योगिक क्षेत्र में लगाए गए संयुक्त अपशिष्ट ट्रीटमेंट प्लांट पर भेजा जाए। इसके लिए कारखाने पर भी एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (इटीपी) लगाना होगा। जब तक इटीपी नहीं लगाया जाएगा और दूषित पानी का ट्रीटमेंट नहीं किया जाएगा, कारखाने का उत्पादन बंद रहेगा। उधर निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने भी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि पहले सील किए गए कारखानों में से किसी कारखाने के प्रबंधन ने बिना इटीपी लगाए और मापदंडों को पूरा किए बिना सील खोलकर कारखाना चलाने की कोशशि की तो एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। उल्लेखनीय है कि प्रशासन, निगम और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कान्ह नदी और नालों में दूषित पानी छोड़ने और भूजल को दूषित करने वाली लगभग 20 औद्योगिक इकाइयों को सील किया है। नगर निगम और प्रशासन शहर की नदियों को लेकर लगातार फैक्ट्रियों और कारखाना संचालकों को चेतावनी दे रहा है।
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