बिहार का प्रथम जीनोम अनुक्रमण केंद्र शुरू, ओमीक्रोन के मामलों का पता लगाने में मिलेगी मदद
पटनाः बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि राज्य का प्रथम जीनोम अनुक्रमण (सीक्वेंसिंग) केंद्र शुरू हो गया है, जिससे कोविड-19 मरीजों में ओमीक्रोन स्वरूप का समय पर पता लगाने में मदद मिलेगी। उन्होंने इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइसेंज (आईजीआईएमएस) में संवाददाताओं से बात करते हुए यह कहा, जहां उन्होंने नव स्थापित ‘मॉलेक्यूलर जेनेटिक लैबोरेटरी’ का मुआयना किया और 15 वर्ष एवं इससे ऊपर के किशोरों के लिए कोविड-19 टीकाकरण की शुरूआत की।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘आज से, ओमीक्रोन के नमूनों की राज्य में ही जांच की जा सकती है। हम 15 वर्ष से अधिक आयु के सभी किशोरों का टीकाकरण करने के अलावा बुजुर्गों को बूस्टर खुराक उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” संक्रमण के मामलों में हाल में हुई तीव्र वृद्धि के कारण कई राज्यों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगाए जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में मौजूदा दिशानिर्देश पांच जनवरी तक जारी रहेंगे। कुमार ने कहा, ‘‘कल, स्थिति की समीक्षा के लिए कोविड कार्य बल की एक बैठक की जाएगी और कोई निर्णय लिया जाएगा।
मद्यपान, बाल विवाह और दहेज के खिलाफ उनके राज्यव्यापी अभियान के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कल का कार्यक्रम होगा। आगे के अन्य कार्यक्रमों पर समय आने पर निर्णय लिया जाएगा।” इस अभियान के तहत वह मंगलवार को गया में एक जनसभा को संबोधित करने वाले हैं। उन्होंने अपनी राज्यव्यापी यात्रा की हंसी उड़ाने को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव को फटकार लगाते हुए कहा, ‘‘उन्हें इस तरह के सामाजिक जागरूकता अभियान का महत्व एक दिन समझ में आ जाएगा।”
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