लागत और मियाद बढ़ी हावड़ा मुंबई रूट में रेलवे ब्लाक नही मिलने ओह्वर ब्रिज निर्माण में रोड़ा
रायगढ़। कोतरा रोड रेलवे ओवरब्रिज अपने तय समय से काफी पीछे चल रहा है ऐसे में समय बढ़ने से 82 करोड़ की लागत भी बढ़ गई हैं। मौजूदा साल के मध्य में इसे पूरा करने की विभागीय प्रयास भी लोगो को जाम व सुगम यातायात की सुविधा दिलाने में सफल नही हो पाएंगे। दरअसल पीडब्ल्यूडी विभाग ने 85 फीसद काम पूरा कर चुकी है अन्य कार्य तेजी से चल रहा है जबकि रेलवे के अधीन ट्रेक के उपर गार्डर, स्लैब लगाना शेष हैं इसके लिए अभी तक मेगा ब्लाक नही मिल पाई है। जिस पर तमाम जद्दोजहद भी चल रही है। लेकिन यह बेनतीजा साबित हुआ है।
कोतरारोड ओह्वरब्रिज का काम अपने तय समय से काफी विलंब से चल रहा है। वही इस ब्रिज का निर्माण 14 अगस्त 2020 तक था। लेकिन कोरोना एवं अन्य कारणों से यह समय फेल हो गया । आलम यह है कि अब लागत भी बढ़ गई है। वही दूसरी ओर इस ब्रिज के निर्माण को पूरा कर जनता को समर्पित करने में और विलंब हो सकता है। जानकारी के अनुसार 8 माह से रेलवे के अधीन शेष कार्य को पूरा करने पीडब्ल्यूडी विभाग पत्राचार कर रही है लेकिन इसका परिणाम बेनतीजा रहा है। वहीं वर्तमान में गाडर को जोड़ने का काम अंतिम चरण में है, वही इसकी टेस्टिंग होते ही इसकी रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजी जाएगी, जिसके बाद ब्लाक मिलते ही काम पूरा कर लिया जाएगा। इस ब्रिज के बनने से कोतरा रोड रेलवे फाटक पर लगने वाले जाम से लोगों को निजात मिल जाएगी। उल्लेखनीय है कि नेशनल हाइवे ढिमरापुर से कोतरा रोड रेलवे फाटक से होकर गुजरता है। यहां हर दिन करीब हजारों वाहन गुजरते है। जिससे यहां की यातायात व्यवस्था हमेशा बदहाल रहती है। इसे देखते हुए भाजपा काल मे कई बार ब्रिज की चर्चा हुई लेकिन अमलीजामा नही पहनाया जा सका। परंतु अब अंतिम चरण में रेलवे का रोड़ा बहुप्रतीक्षित मांग में लेटलतीफी बन रहा है।
4 बार ब्लाक लेकर करेंगे शेष कार्य को पूरा
जानकारी के अनुसार ओवर ब्रिज के लिए करीब 4 बार ब्लाक लेना पड़ेगा क्योंकि कोलकाता-मुबई रेल लाइन पर अधिक दबाव रहता है। जिससे इसके लिए 4 बार रेल मार्ग को अवरुद्घ ढाई ढाई घंटे के लिए अवरूद्घ किया जाएगा। साथ ही एक जिंदल वाला लाइन में ज्यादा दिक्कत नहीं है, ऐसे में अगर देखा जाए तो इसके लिए सात घंटे का ब्लाक चाहिए। लेकिन विभाग द्वारा लेटलतीफी की भरपाई करने कम समय मे ही युद्व स्तर की कार्ययोजना बनाया गया है। अब देखना यह होगा कि आखिर कब मेगा ब्लाक मिलता हैं।
समय बढ़ने से 8 करोड़ रुपए अतिरिक्त होगा खर्च
जानकारी के अनुसार इस ब्रिज का ठेका 82 करोड रुपए प्रशासकीय स्वीकृति मिला हुआ था, जिसमें 72 करोड़ में कार्य को पूरा करना था लेकिन कोरोना के चलते पहले लाकडाउन में मजदूर नहीं होने के कारण काम बंद हो गया था, साथ ही सीमेंट सहित अन्य सामग्री भी आना बंद हो गया और रेट बढ़ गया था, जिससे इसकी लागत 8 करोड रुपए और बढ़ गया। ऐसे में अब इस ब्रिज की कुल लागत 80 करोड़ हो गया है।
सुगम यातायात और जाम से मिलेगी छुटकारा
कोतरा रोड थाने के छोर पर ओवरब्रिज के दोनों ओर सीसी अप्रोच रोड बनेगा। इससे सुभाष नगर, रुकमणी विहार के साथ ही स्थानीय कोतरा रोड इलाके के कालोनियों के लोगों को यातायात में सुविधा होगी। भारी वाहनों से हादसों का डर कम रहेगा। इसके अलावा भारी वाहन से लेकर छोटे वाहन धारियों को जाम की समस्या से निजात मिलेगा।
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