दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वह लॉकडाउन नहीं लगाएंगे और उनकी सरकार कोरोना की हर परिस्थिति से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। श्री केजरीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ मंगलवार को लोक नारायण जय प्रकाश (एलएनजेपी) अस्पताल का दौरा कर कोरोना संबंधित तैयारियों का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिल्ली के लोगों को आश्वस्त किया कि हम लॉकडाउन नहीं लगाएंगे। ‘आप’ की सरकार कोरोना की हर परिस्थिति से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। अगर जरूरत पड़ेगी, तो हम 37 हजार बेड तक तैयार करके 10 से 11 हजार आईसीयू बेड तैयार कर सकते हैं। अच्छी बात है कि इस लहर में अस्पतालों में आने वाले कोरोना मरीज़ बेहद कम हैं, लेकिन फिर भी संक्रमण से बचें और अपना ध्यान रखें।
उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में 136 कोरोना मरीज भर्ती हैं। इनमें से सिफर् छह लोग कोरोना के इलाज के लिए आए थे, जबकि 130 लोग दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए आए थे और जांच में वे भी कोरोना संक्रमित मिले। वहीं, अप्रैल में आई लहर में अधिकतर लोग कोरोना का ही इलाज कराने के लिए आ रहे थे। उन्होंने कहा कि हमें बहुत ही मजबूरी में प्रतिबंध लगाने पड़ रहे हैं। लेकिन मैं यकीन दिलाना चाहता हूं कि जितना जल्दी हो सकेगा, हम प्रतिबंधों को हटा देंगे और कम से कम प्रतिबंध लगाने की कोशिश करेंगे।
केजरीवाल ने कहा कि कोरोना से संबंधित तैयारियों का जायजा लेने के लिए मैंने आज एलएनजेपी अस्पताल का दौरा किया। मुझे लगता है कि एलएनजेपी अस्पताल देश का नंबर वन अस्पताल है। यहां अभी तक सबसे अधिक कोरोना मरीजों का इलाज हुआ है। यहां से अब तक 22 हजार कोरोना मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। यह दिल्ली में शायद अकेला अस्पताल है, जिसने किसी भी गर्भवती महिला को इलाज से मना नहीं किया। यहां पर अब तक करीब 700 डिलीवरी सफलता पूर्वक कराई जा चुकी है। एलएनजेपी अस्पताल में स्त्री रोग का भी पूरा इंतजाम है और कोरोना संक्रमित ‘गायनी मदर’ का भी यहां पर पूरा इलाज है और न्यू नेटल का भी पूरा प्रबंध किया हुआ है कि कोरोना से संबंधित जो मां, उनके जो बच्चे होते हैं, उनका पूरा इंतजाम किया गया है। इस समय पूरी दिल्ली से एलएनजेपी में ही डिलीवरी के लिए मामले भेजे जा रहे हैं। दिल्ली के बाहर से भी डिलीवरी के बहुत सारे केसेज आ रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि पिछली लहर के मुकाबले में यह लहर बहुत ही हल्की है। ऊपर वाले का शुक्र है कि हम लोग बहुत ही माइल्ड लहर से लड़ रहे हैं। अप्रैल में जो लहर आई थी, वह बहुत ज्यादा खतरनाक थी। इस वक्त कोरोना के 136 मरीज एलएनजेपी में भर्ती हैं। जहां 136 में से 130 मरीज ऐसे हैं, जिनमें अकस्मात कोरोना निकला। वो किसी और बीमारी के इलाज के लिए आए थे, लेकिन जांच में उनमें संयोग से कोरोना निकला। जब अप्रैल में कोरोना की लहर आई थी, तब उस लहर में लोग कोरोना का ही इलाज कराने के लिए आ रहे थे। लोगों की ऑक्सीजन नीचे जा रही थी और लोगों को तरह-तरह की तकलीफें हो रही थीं। ऐसे लोगों की संख्या इस बार बहुत ज्यादा कम है।
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