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बिलासपुर में वायरल फीवर का प्रकोप: सिम्स में सदी-बुखार के मरीजों की उमड़ी भीड़

बिलासपुर। शहर में कोरोना के साथ ही वायरल फीवर का संक्रमण भी फैल गया है। इसके मरीजों की संख्या पिछले दो हफ्ते से लगातार बढ़ रही है। सिम्स और शहर के सभी प्राइवेट हास्पिटल, क्लीनिक में बुखार, सर्दी-खांसी, गले में दर्द के मरीजों की कतार है। डाक्टर कहते हैं कि मौसम में उतार-चढ़ाव के साथ ही वायरल फीवर का प्रकोप बढ़ जाता है, क्योंकि इस समय मौसम अचानक सर्द-गर्म हो रहा है। लिहाजा शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।

ऐसे में वायरस जल्दी अटैक कर लेता है। शहर में पिछले 15 दिनों से बार-बार बदलते मौसम बदल रहा है। कभी बारिश हो जाती है तो कभी घूप होती है। तो कभी ठंड पड़ती है। इसके कारण कुछ ही घंटे में तापमान में पांच से सात डिग्री तक का बदलाव हो जाता है। ऐसे में भीगने, ठंडी हवा की चपेट में आने के कारण लोग बीमार हो रहे हैं। इस बार वायरल के असर में बदलाव देखा जा रहा है। अब तक यह संक्रमण सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार होने के बाद तीन-चार दिन में ठीक हो जाता था।

लेकिन, पिछले एक हफ्ते में यह देखने में आ रहा है कि मरीजों को वायरल से ठीक होने में ज्यादा वक्त लग रहा है। यही वजह है कि अब सरकारी के साथ ही प्राइवेट अस्पतालों में भी वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। 70 प्रतिशत मरीजों में वायरल फीवर है। सिम्स के मेडिसिन विभाग के डां पंकज टेंभूर्निकर के मुताबिक वायरल के मरीजों की संख्या में पिछले दो-तीन हफ्तों में बहुत इजाफा हुआ है। पहले जहां दिनभर में 20-25 मरीज ही वायरल के आते थे। अभी 100 से अधिक मरीज रोज आ रहे हैं।

कोरोना के डर से लेट आ रहे हैं मरीज

अभी कोरोना का इतना डर है कि बुखार के बाद लोग तुरंत जांच कराने नहीं जा रहे हैं। फीवर होने पर पहले लोग या तो घरेलू नुस्खे आजमाते हैं या फिर मेडिकल स्टोर से खुद ही दवाई लेकर अपने ही स्तर इलाज करने लगते हैं। दो-तीन दिन में जब हालत ज्यादा बिगड़ने लगती है, तब डाक्टर के पास पहुंचते हैं। यही परेशानी की सबसे बड़ी वजह है। डाक्टरों के मुताबिक लोगों को चाहिए कि जैसे ही वायरल संक्रमण होने की आशंका लगे सीधे डाक्टर के पास जाकर इलाज लेना चाहिए। ऐसे में संक्रमण बढ़ने से पहले आसानी से रिकवर हो जाता है।

पर्ची कटाने में ही घंटों लग जा रहे

सिम्स में कोरोना जांच कराने के लिए ही घंटों समय लग जाएगा। क्योंकि जांच कराने से पहले आपको एमआरडी से एक पर्ची कटानी पड़ेगी। एमआरडी के पास इतनी भीड़ रहती है कि पर्ची कटाने में घंटों लग जाते हैं। इसके बाद आप कोरोना ओपीडी पहुंचेंगे वहां करीब 10 से 15 मिलने लगने के बाद आपकी जांच की जाएगी। एंटीजन जांच रिपोर्ट तो तुरंत मिल रही लेकिन आरटी-पीसीआर रिपोर्ट मिलने में चार दिन लग रहे हैं। सिम्स प्रबंधन ने बाकायदा दीवार पर लिखा भी है कि आरटी-पीसीआर रिपोर्ट मिलने में चार से पांच दिन लगेंगे।

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