बिहार में सारण अकेला जिला नहीं है जहां उद्योग धंधे बंद हुए हैं : प्रशांत किशोर
सारण। जन सुराज पदयात्रा के 167वें दिन की शुरुआत सारण के किशुनपुर नगर पंचायत स्थित किशनपुर मैदान में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ किशुनपुर पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा भाट केसर, बेदौली, करही, मनिकपुरा होते हुए बनियापुर प्रखंड अंतर्गत लौंवा कला पंचायत के संत जलेश्वर अकादमी, बड़ा लौंवा में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। आज प्रशांत किशोर सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 2 आमसभाओं को संबोधित किया और 6 पंचायत के 12 गांवों से गुजरते हुए 12.1 किमी की पदयात्रा तय की। वहीं जन सुराज पदयात्रा के दौरान जलालपुर प्रखंड में मीडिया संवाद कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में सारण अकेला जिला नहीं है जहां उद्योग धंधे बंद हुए हैं, सिर्फ चंपारण में 35 से ज्यादा चीनी मिल करीब-करीब बंद हो गए हैं। चीनी मिलों में वो चीनी मिल भी शामिल है, जहां 2014 के चुनाव में मोतीहारी में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि इसी चीनी मिल से बने हुए चीनी से चाय पिएंगे तभी वोट लेने आएंगे। इतना ही नहीं यही बात उन्होंने छपरा के एक चीनी मिल के लिए भी यही कही थी। आज उसी मोतीहारी चीनी मिल की 1-1 इंच जमीन का भाजपा के विधायकों और सांसदों ने आपस में बंदरबांट कर लिया है। वहीं जन सुराज मीडिया संवाद कार्यक्रम के दौरान तमिलनाडु से जुड़े एक सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि तमिलनाडु में जो घटना हुई है, उसपर मैंने 3 ट्वीट किए हैं। आप सभी उस वीडियो को देख सकते हैं। जिन लोगों ने गलत तरीके से दुष्प्रचार किया है, उसपर कानून के अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि घटना घटी ही नहीं है। दोनों सरकारों को मैंने चुनौती भी दी है कि अगर मैंने गलत ट्वीट किया है, तो आप मुझपर कारवाई कीजिए। NTP के नेता ने जो गैरजिम्मेदाराना बयान दिया है उनपर भी कार्रवाई हुई है। वहीं उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में जो घटना घटी है उसमें सच्चाई है, मगर समझने की जरूरत यह है कि आखिर तमिलनाडु के लोग ऐसा कर क्यूँ रहे हैं? तमिलनाडु के लोगों को बिहार के लोगों से परेशानी नहीं है। तमिलनाडु और केरल के लोगों को लगता है कि जो उनकी दैनिक मजदूरी है वो 6 सौ से 7 सौ हो गई है। बिहार के लोग मजबूरी और बेबसी के कारण इन राज्यों में जाकर 3 सौ से 4 सौ रुपए लेकर मजदूरी कर रहे हैं। इन कारणों से तमिलनाडु के लोगों को लग रहा है कि बिहार के लोग उनके राज्यों में मजदूरों का रेट खराब कर रहे हैं। तमिलनाडु में मजदूरी समस्या नहीं है, मजदूरी की दर सबसे बड़ी समस्या है। वहीं प्रशांत किशोर ने जन सुराज पदयात्रा का उद्देश्य समझते हुए कहा कि पदयात्रा के दौरान हम समाज को जागरूक करने का प्रयास रहे हैं। मैं खुद लोगों से मिलकर बता रहा हूं कि वोट करते समय स्वार्थी बने ताकि आपके आने वाली पीढ़ी को समस्याओं का सामना न करना पड़े। अगर आप जनता को लगता है कि आपके पास विकल्प नहीं है तो आपको खुद आपस में मिलकर विकल्प बनाना पड़ेगा। बिहार के लोग अगर मिलकर विकल्प बनाएंगे तो उनके पास आने वाले दिनों के लिए बिहार की तरक्की का खाका तैयार होनी चाहिए। जन सुराज पदयात्रा के तीन मुख्य उद्देश्य तभी कारगर साबित होंगे।