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वर्दी की जगह जब लेती है जर्सी तो जीत लेती हैं मैदान, युवतियों को आत्मरक्षा का देती हैं प्रशिक्षण

रायपुर ।   वे एक आइपीएस अफसर हैं, लेकिन जब बैंडमिंटन कोर्ट में रैकेट लेकर उतरती हैं तो सफल खिलाड़ी बन जाती हैं। ड्यूटी पर खाकी वर्दी और कोर्ट में खेल की जर्सी दोनों में उनकी धमक बोलती है। इतना ही नहीं, वे लड़कियों को खेल और आत्मरक्षा के तरीके सीखने को प्रेरित करने के साथ ही बकायदा प्रशिक्षण भी देती हैं। उनका कहना है कि आप जिंदगी में कितने भी व्यस्त क्यों न हों, खेल के लिए थोड़ा वक्त जरूर निकालें। यह आपका आत्मविश्वास बढ़ाएगा। हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। यहां हम बात कर रहे हैं सरगुजा एसपी भावना गुप्ता की। हाल ही में चंडीगढ़ में आयोजित आल इंडिया पुलिस बैंडमिंटन चैंपियनशिप में उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से एकल और महिला डबल में स्वर्ण और मिक्स्ड डबल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। वे कहती हैं कि आज की नारी ने यह प्रमाणित किया है कि उसके लिए कोई भी कार्य असंभव नहीं। इच्छाशक्ति हो तो हर मंजिल हासिल की जा सकती है।

खेल के प्रति पूरा समर्पण

2014 बैच की आइपीएस अधिकारी भावना गुप्ता के पति राहुल देव मंुगेली कलेक्टर के पद पर पदस्थ हैं। शाम छह बजे खिलाड़ी की जर्सी पहनकर जब वे अंबिकापुर के बैडमिंटन कोर्ट में पहुंचती हैं तो एकबारगी यह यकीन नहीं होता कि वे पुलिस की आला अधिकारी हैं। यहां वे जमकर पसीना बहाती हैं। खेल के प्रति उनका समर्पण सभी को प्रेरित करता है। उनकी दो साल की बिटिया भी है। कभी-कभी वे उसे भी लेकर बैडमिंटन कोर्ट पहुंच जाती हैं, ताकि उसमें भी खेल के प्रति रुचि जागे। वे विभाग के हर स्टाफ को खेल को जीवन का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करती हैं।

छत्तीसगढ़ पुलिस का बढ़ाया मान

भावना गुप्ता 2017 से आल इंडिया पुलिस बैडमिंटन चैंपियनशिप में अब तक लगातार चार बार गोल्ड मेडल जीतकर राष्ट्रीय स्तर पर इतिहास रच चुकी हंै। उन्होंने बताया कि इस वर्ष 15वीं आल इंडिया पुलिस बैडमिंटन चैंपियनशिप का आयोजन 20 से 26 फरवरी तक चंडीगढ़ में किया गया था।

इसमंे देश के सभी राज्यों की पुलिस एवं सेंट्रल पैरा मिलिट्री के कुल 38 यूनिट्स के बीच बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा आयोजित की गई थी। छत्तीसगढ़ पुलिस टीम से उनके अलावा उप पुलिस अधीक्षक अंजलि येरवारा और आइपीएस सूरज सिंह परिहार ने हिस्सा लिया था। उन्होंने लगातार चौथी बार महिला सिंगल बैडमिंटन प्रतिस्पर्धा मंे गोल्ड मेडल अपने नाम किया। वहीं सह खिलाड़ी अंजलि येरवारा के साथ महिला डबल चैंपियनशिप में गोल्ड और मिक्स्ड डबल चैंपियनशिप में सूरज सिंह परिहार के साथ कांस्य पदक दिलवाया।

कई पुरस्कार झोली में

पहले प्रयास में आल इंडिया रैंक 201 प्राप्त कर यूपीएससी क्लियर करने वाली भावना गुप्ता शुरू से खेल में बेहतर प्रदर्शन करती आ रही हैं। राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद में 2014 बैच में उन्होंने सर्वश्रेष्ठ सर्वांगीण परिवीक्षाधीन का पुरस्कार जीता। फाउंडेशन कोर्स, एमसीआरआरएचडीआइ 2022 में सर्वश्रेष्ठ ओवरआल ट्रेनी के साथ ही सर्वश्रेष्ठ स्पोर्ट्स पर्सन बनीं। अखिल भारतीय पुलिस खेलों में बैडमिंटन में तीन बार स्वर्ण पदक और एआइजी सीआइडी के रूप में संकट में बुजुर्ग नागरिकों तक पहुंचने के लिए समर्पण की पहल की, जिसके लिए उन्हें 2022 में फिक्की स्मार्ट पुलिसिंग अवार्ड से नवाजा गया।

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