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लालू यादव के लड़के होने के अलावा तेजस्वी की कोई पहचान नहीं : प्रशांत किशोर

सारण। जन सुराज पदयात्रा के 179वें दिन की शुरुआत सारण के अमनौर प्रखंड अंतर्गत कटसा पंचायत स्थित पदयात्रा शिविर में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। उसके बाद प्रशांत किशोर ने स्थानीय पत्रकारों के साथ संवाद किया। पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने अपने पदयात्रा का अनुभव साझा किया। जन सुराज पदयात्रा के माध्यम से प्रशांत किशोर 2 अक्तूबर 2022 से लगातार बिहार के गांवों का दौरा कर रहे हैं। उनकी पदयात्रा अबतक 2200 किमी से अधिक की दूरी तय कर चुकी है। पश्चिम चंपारण से शुरू हुई पदयात्रा शिवहर, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान होते हुए पिछले 17 दिनों से सारण जिले में है। सारण में पदयात्रा अभी 10 से 12 दिन और चलेगी और इस दौरान अलग-अलग गांवों और प्रखंडों से गुजरेगी। पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर लोगों की समस्यायों को सुनते हैं और उसका संकलन करते हैं। साथ ही वे समाज के सभी सही लोगों को एक मंच पर आकर विकसित बिहार बनाने के लिए एक नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने का भी आह्वान करते हैं। वहीं सारण के अमनौर में मीडिया संवाद के दौरान तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हम किसी मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री के लड़के नहीं है, तो जब हमारी पहचान बनेगी और जब हमारी क्षमता होगी तभी तो हम प्रयास करेंगे। हम मुख्यमंत्री के लड़के तो है नहीं! न ही हम यहाँ के नेता और मंत्री हैं। आप तेजस्वी यादव का इंटरव्यू लेने जाते हैं या जब वो यहाँ आते हैं तो आप उनसे मिलते हैं, आप उनका इंटरव्यू क्यों लेते है या उनसे मिलने क्यों जाते है? आप इसलिए जाते है क्योंकि वो मुख्यमंत्री के बेटे हैं। अगर उन्ही की उम्र का कोई यादव समाज का लड़का या किसी दूसरे वर्ग का लड़का जो 10वीं पास न हो और वो आपको पत्रकार वार्ता के लिए बुलाएगा तो क्या आप जाएंगे? आप उनको पूछेंगे भी नहीं। आप या समाज उन्हीं लोगों की बात सुनता है जिनकी कुछ पहचान हो। लालू यादव के लड़के होने के अलावा तेजस्वी की कोई पहचान नहीं और जो काम मैंने किया है उससे ही मुझे मेरी मेरी पहचान मिली है। वहीं मीडिया संवाद के दौरान भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज से या समाज से जुड़ा हुआ कोई भी सही व्यक्ति जो सक्रिय राजनीति में आना चाहता है जन सुराज उसके साथ खड़ा होगा। हमारा ये मानना है कि राजनीति सिर्फ विधायक और उनके लड़के के लिए नहीं है। विधायक और मंत्री का लड़का ही राजनीति करेगा ये बिहार की जनता समझ बैठी है। आप देख सकते हैं कि भाजपा ने जो नया अध्यक्ष बनाया है, सम्राट चौधरी के पिता जी पहले आरजेडी में थे उसके बाद जदयू सरकार में रहें और उसके बाद मांझी जी की भी सरकार में रहें। अब भाजपा के भी चेहरे उनके लड़के रहेंगे। राजनीति के लिए विधायक और मंत्री के लड़के ही बचे हैं। आज लोग समझते हैं कि नेताओं को हरा के परिवर्तन लाया जा सकता है नेता तो वही है सिर्फ झंडे का रंग और उसका चिन्ह बदल हुआ है जो पहले लालू के सरकार में थे वो अब नीतीश की सरकार में आ गए हैं। उसमें नया कुछ भी नहीं है। जन सुराज का एक मुख्य उद्देश्य है कि बिहार की राजनीति में नेताओ और उनके बच्चों के वर्चस्व को खत्म करना है।

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