ब्रेकिंग
माफी मांगो नहीं तो केस…कैश कांड पर तावड़े का पलटवार, खरगे-राहुल और सुप्रिया को नोटिस बिहार में नेशनल हाइवे का नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा: गडकरी प्रदूषण पर दिल्ली सरकार के जवाब से हम संतुष्ट नहीं: सुप्रीम कोर्ट औरैया में पेड़ से टकराकर खाई में पलटी कार, 4 लोगों की मौत; शादी में जा रहे थे सभी महाराष्ट्र: ठाकरे-शिंदे-फडणवीस-पवार… सीएम पद के दावेदार, कौन निभाएगा मुख्य किरदार? बागी और निर्दलीय उम्मीदवारों पर बीजेपी की पैनी नजर, देवेंद्र फडणवीस ने की बैठक बीजेपी दिल्ली की सत्ता में आई तो बंद कर देगी ये 6 रेवड़ियां… अरविंद केजरीवाल का हमला अमन अरोड़ा होंगे पंजाब में AAP के अध्यक्ष, सीएम भगवंत मान ने किया ऐलान मानहानि मामले में CM आतिशी को बड़ी राहत, सुनवाई पर लगी रोक, जानें क्या है मामला पटना: बालू लदे ट्रक ने स्कूली बच्चों की ऑटो में मारी टक्कर, 4 की मौत; 3 गंभीर घायल

सरनेम मामले में राहुल को पटना की अदालत भी सुना सकती है सजा

– पूर्व कांग्रेस-अध्यक्ष की गवाही 12 अप्रैल को, 2019 से जमानत पर

– सुशील मोदी, नितिन नवीन सहित पाँच लोगों की गवाही पूरी

 

पटना। पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वर्ष 2019 में कर्नाटक की चुनावी सभा में राहुल गांधी ने मोदी सरनेम वाले लाखों लोगों को चोर बताने वाला जो बयान दिया था, उसके विरुद्ध एक पीड़ित के नाते मैंने भी पटना की अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया था और मुझे आशा है कि यहाँ भी उन्हें सूरत की अदालत की तरह सजा सुनायी जाएगी।

श्री मोदी ने कहा कि मेरे मामले में राहुल गांधी को सेक्शन-317 के तहत बयान दर्ज कराने के लिए पटना के एमपी-एमएलए विशेष न्यायालय में 12 अप्रैल 2023 को उपस्थित होना है। उन्हें नोटिस भेजा गया है।

उन्होंने कहा कि धारा -500 के अन्तर्गत किसी व्यक्ति या समुदाय की मानहानि करना दंडनीय अपराध है। इस मामले में आरोपी राहुल गांधी को सरेंडर करना पड़ा और 6 जुलाई 2019 को पटना की अदालत में हाजिर होकर जमानत लेनी पड़ी थी।

श्री मोदी ने कहा कि अभियोजन पक्ष में मेरे अलावा नितिन नवीन, संजीव चौरसिया, सुमन कुमार झा और मनीष कुमार सिंह की गवाही हो चुकी है।

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और उनकी वंशवादी पार्टी कांग्रेस को पिछड़े समाज से आने वाले नरेंद्र भाई मोदी का प्रधानमंत्री होना बर्दाश्त नहीं, इसलिए वे जानबूझ कर अपमानजनक टिप्पणी करते हैं। इस प्रवृत्ति पर न्यायालय ही अंकुश लगा सकता है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.