जंगलराज से परेशान होकर लोग मजबूरी में BJP को वोट देने के लिए विवश : प्रशांत किशोर
सारण। जन सुराज पदयात्रा के 181वें दिन की शुरुआत सारण के अमनौर प्रखंड अंतर्गत कटसा पंचायत स्थित अरना कोठी फार्म मैदान में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ कटसा पंचायत से पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा कोरेया, मदारपुर, भावलपुर, बरदहिया, मुबारकपुर होते हुए मढौरा प्रखंड अंतर्गत ओल्हनपुर पंचायत के नूरी मस्जिद में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। आज प्रशांत किशोर सारण के अलग-अलग गांवों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच गए। उनकी स्थानीय समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करने की बात कही। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने 3 आमसभाओं को संबोधित किया और 7 पंचायत के 10 गांवों से गुजरते हुए 15 किमी की पदयात्रा तय की। वहीं जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार के लोग वोट के दिन मुख्य रूप से चार मुद्दे पर ही वोट करते हैं। पहला जाति के नाम पर। जो इससे बच जाता है, वो हिन्दू- मुस्लिम, भारत-पाकिस्तान के नाम पर वोट करता है। वो कहते हैं कि सब हिन्दू एक हो जाओ, मुसलमानों को और पाकिस्तान को सबक सिखाना है। जबकि घर में पढ़ लिखा लड़का बेरोजगार बैठा है, उसको भूल गए हैं। लेकिन वोट के दिन केवल पाकिस्तान याद रहता है और हिन्दू बनकर वोट करते हैं। जो लोग इन दोनों से बच जाता है वो कहते हैं कि कितनी भी बुरी स्थिति क्यों हो लेकिन अपराध वाला जंगलराज नहीं चाहिए। क्योंकि लालू जी के जंगलराज में 4 बजे शाम के बाद कोई लूटपाट न कर ले इस डर से लोग घर के अंदर चले जाते थे। घर में घुस कर अपराधी गोली मार कर, अपहरण कर चले जाते थे। जंगलराज के डर से लोग लालू यादव के RJD को वोट न देकर मजबूरी में BJP को वोट दे रहे हैं। चौथी श्रेणी अल्पसंख्यकों कि है, अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों का कहना है कि जिंदा रहे या ना रहे भाजपा को तो वोट नहीं कर सकते हैं। वहीं जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण के अमनौर में एक आमसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार में दल कैसे बनता है, ये तो आपको पता है। जो दल बनाता है वो उस दल का नेता हो जाता है और उसके बाद उसका बेटा उस दल का नेता बन जाता है। बिहार में पिछले 30 वर्षों से केवल 1200 परिवार के लोग ही सांसद और विधायक बन रहे हैं। दल चाहे कोई भी हो लेकिन नेता इन 1200 परिवारों से ही रहते हैं। अगर विकल्प बनाना है तो जनता को मिलकर बनाना होगा, पदयात्रा के दौरान जो सही लोग मिलेंगे, जिन्हें लगेगा कि बिहार के सुधार के लिए कुछ किया जा सकता है, वैसे सभी लोग पदयात्रा के बाद एक साथ बैठेंगे और सब मिलकर तय करेंगे कि दल बनाना है या नहीं। यदि दल बनता है तो वो दल प्रशांत किशोर का नहीं होगा, वो दल होगा उन सभी लोगों का जो इस प्रक्रिया में शामिल होंगे। इस यात्रा का नाम है जन सुराज यानी जनता का सुंदर राज, हमने सब का राज देख लिया है, लेकिन इस बार जनता का राज बनाना है।