ब्रेकिंग
मुसलमानों का करें बॉयकॉट… इस बयान पर सज्जाद नोमानी ने मांगी माफी, महाराष्ट्र नतीजे के बाद बदले सुर भाई की हार के बाद छलका मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का दर्द, भीतरघात को बताया हार की वजह आंखों में जलन-घुटन…दिल्ली की हवा में ‘जहर’, रेड जोन में 9 इलाके, AQI 400 के पार मंदिर, गुरुद्वारा और चर्च जाऊंगी… सीसामऊ से जीत के बाद ऐसा क्यों बोलीं सपा उम्मीदवार नसीम सोलंकी? बिहार: जंगल से मिला लड़के का शव…रेत दिया गया था गला, पुलिस ने दो दोस्तों से की पूछताछ, एक ने लगा ली ... किरणपाल मर्डर केस: दिल्ली में बदमाश रॉकी का एनकाउंटर, ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल की कर दी थी हत्या संभल में शाही मस्जिद के सर्वे पर बवाल, पुलिस पर भीड़ ने किया पथराव माफी मांगो नहीं तो केस…कैश कांड पर तावड़े का पलटवार, खरगे-राहुल और सुप्रिया को नोटिस बिहार में नेशनल हाइवे का नेटवर्क अमेरिका के बराबर हो जाएगा: गडकरी प्रदूषण पर दिल्ली सरकार के जवाब से हम संतुष्ट नहीं: सुप्रीम कोर्ट

रिश्वत बिना नहीं होता काम,कर्मचारी बने लुटेरे

हमीरपुर जिले के सदर तहसील में खेत पैमाइश के नाम पर रिश्वत लेते पकड़ा गया लेखपाल छत्रपाल सिंह तो भ्रष्टाचार की मात्र एक बानगी है। यदि गौर करें, तो तहसीलों में कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक भ्रष्टाचार में लिप्त है। यहां काम के हिसाब से सुविधा शुल्क नियत है।

इसे न देने पर जरूरतमंदों को तहसीलों के महीनों चक्कर काटने पड़ते है। केंद्र व राज्य सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करने को भले ही भ्रष्टाचारियों के खिलाफ मिशन मोड में कार्रवाई जारी रहने की बात कह रही है। लेकिन जिले व तहसीलों में तैनात अधिकारियों कर्मचारियों पर इसका खौफ नहीं दिख रहा।यहीं कारण है कि बिना सुविधा शुल्क दिए लोगों के काम पूरे नहीं होते। इसका उदाहरण बुधवार को सदर तहसील में एंटी करप्शन द्वारा लेखपाल के पकड़े जाने पर देखने को मिला। जो किसान की जायज मांग पूरी करने को पांच हजार रुपये की मांग कर रहा था।

कर्मचारियों से अधिकारियों तक नियत सुविधा शुल्क

विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 61 ख की नकल के लिए 200 रुपये देने होते हे। वहीं सॉलवेंसी में एक प्रतिशत का खर्च करना होता है। यदि किसी को 50 लाख की सॉलवेंसी बनवानी है।उसे कर्मचारियों से अधिकारियों तक 50 हजार रुपये देने होते है। दाखिल खारिज की साधारण फाइल में सात सौ रुपये, रेस्टोरेशन में डीलिंग के आधार पर, शस्त्र रिनुअल में पांच सौ रुपये, वारिस प्रमाण पत्र में हर कार्यालय में 100 रुपये, बंधक नोड्यूज में पांच सौ रुपये नियत है।

जिले में पकड़े गए भ्रष्टाचार के आरोपी

जिले में वर्ष 2018 में बीआरसी राठ में तैनात लिपिक परमेश्वरी दयाल दस हजार रुपये लेते पकड़ा गया था। उसके बाद राठ तहसील में तैनात लेखपाल रमाशंकर तिवारी 30 जनवरी 2021 को दस हजार रुपये लेते पकड़ा गया। खंड विकास कार्यालय सरीला में तैनात बाबू पुत्तन वर्मा 15 हजार रुपये लेते गिरफ्तार हुआ था।वहीं, राठ के बीएनवी इंटर कॉलेज में तैनात प्रभारी प्रधानाचार्य नरेश चंद्र को 28 दिसंबर 2021 को इसके अलावा बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात वित्त एवं लेखाधिकारी दीपक चंद्र 18 फरवरी 2021 को 25 हजार रुपये लेते एंटी करप्शन टीम ने पकड़ा।वहीं 10 जून 2022 को जलालपुर थाने में तैनात एसआई हरिश्चंद्र को 50 हजार रुपये रिश्वत लेते पकड़ा गया। बुधवार को सदर तहसील में सातवां आरोपी लेखपाल छत्रपाल पकड़ा गया है। ये खेत की पैमाइश के नाम पर पांच हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था।

 

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.