पुष्कर के गांव में पैंथर ने मचाया उत्पात
अजमेर। पुष्कर के निकटवर्ती ग्राम डांग नेडलिया माधोपुरा में पैंथर का मूवमेंट लगातार बना हुआ है। वह लगातार वहां उत्पात मचा रहे हैं। पैंथर के उत्पात से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। सोमवार की रात को एक बार फिर पैंथर ने डांग नेडलिया में स्कूल के पीछे कालुसिंह रावत के बाड़े में बंधी 5 बकरियों का मार दिया तो 5 बकरियों को घायल कर दिया।
5 बकरियों को पैंथर ने मार गिराया
कालू सिंह रावत ने बताया कि रात 12:30 बजे करीब पैंथर अपने बच्चों के साथ बाड़े में घुस आया और बाड़े में बंधी भैंस, गाय, बकरियों पर हमला बोल दिया। जानवरों की आवाज सुनकर उठकर देखा तो पैंथर और उसके बच्चे बाड़े पर बंध रखे जानवरों पर हमला बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बड़ी मुश्किल से उनको भगाया तब तक उन्होंने पांच बकरियों को मार दिया तो वहीं पांच बकरियां घायल हो गईं।
पहले भी 9 बकरियों पर पैंथर ने किया था हमला
सरपंच प्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ता महेंद्र सिंह रावत ने बताया कि एक सप्ताह पहले माधोपुरा में पैंथर ने तीन बाड़े में बंधी बकरियों पर हमला करके 9 बकरियों को मार दिया था। तब वन विभाग को पिंजरा लगाने की मांग की गई थी, लेकिन वन विभाग की लापरवाही के चलते आज फिर 5 बकरियों को मार दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर वन विभाग ने शीघ्र पिंजरा नहीं लगाया और कोई कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीण आंदोलन करेंगे।
कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन करेंगे ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया कि रात में प्रतिदिन पैंथर उत्पात मचा रहे हैं, लेकिन वन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि अभी तो जानवरों पर हमला कर रहा है, हो सकता है पैंथर इंसानों पर भी हमला कर दें, इसलिए तुरंत ही वन विभाग को आवश्यक कार्रवाई करनी चाहिए। अन्यथा उग्र आंदोलन करना पड़ेगा।
कई दिनों से उत्पात मचा रहे हैं पैंथर
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार पैंथर का मूवमेंट अरावली पर्वत श्रखंला पर तारागढ़ पहाड़ से लेकर पुष्कर घाटी तक बना हुआ है। पिछले दिनों पैंथर का मूवमेंट अजमेर के शहरी इलाकों पर भी देखा गया था। वन विभाग के अधिकारी इस संदर्भ में जानकारी रखे हुए हैं किन्तु वे मूवमेंट पर नजर रखने के अलावा कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। बताया जा रहा है कि मादा पैंथर के साथ दो शावक भी हैं।
शिकार की जगह पर लगाए गए पिंजरे
वन विभाग के अधिकारी नरेन्द्र चौधरी के अनुसार वन कर्मचारी नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि जहां पैंथर ने शिकार किया है वहां पिंजरे लगाए गए हैं। पीड़ित पशुपालकों को मुआवजा दिलवाए जाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि शिकार वाले स्थान पर दो दिन तक पिंजरा रखा जाएगा। यदि वहां पर मूवमेंट फिर नहीं होता है तो स्थान बदला जाएगा।
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