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नगर परिषद कॉलोनी की लॉटरी पर उठे सवाल

जैसलमेर। जैसलमेर नगर परिषद की बहुचर्चित गोवर्धन दास कल्ला कॉलोनी की करीब एक साल के इंतजार के बाद आखिरकार मंगलवार को लॉटरी निकाली गई। लॉटरी एक निजी कंपनी के कंप्यूटर के माध्यम से ऑनलाइन निकाली गई। इस लॉटरी प्रक्रिया पर आमजन तथा भाजपाई नेता धांधली का आरोप लगा रहे हैं।

विधायक रूपाराम धनदे के परिवार और करीबियों को प्लाट का आवंटन होना पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है। संयोगवश उसी दिन विधायक का जन्मदिन भी था। लोग सोशल मीडिया पर इस प्लॉट आवंटन को नगर परिषद द्वारा विधायक को जन्मदिन का तोहफा तक बता रहे हैं।

मंच पर विधायक का केक कटना बना चर्चा का विषय

इतना ही नहीं नगर परिषद की इस लॉटरी प्रक्रिया और सरकारी कार्यक्रम होने के बावजूद मंच पर विधायक का केक कटवाकर सुर्खियां बटोरनी चाही गई। लोग इसका भी विरोध करते नजर आए।

लॉटरी प्रक्रिया में पारदर्शिता

हालांकि नगर परिषद आयुक्त लजपाल सिंह सोढा का कहना है कि लॉटरी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की धांधली नहीं हुई है। लॉटरी में पूरी पारदर्शिता बरती गई है। इसी कंपनी ने 2018 में नगर परिषद की सरदार वल्लभ भाई पटेल कॉलोनी तथा हाल ही में यूआईटी की कॉलोनी की लाटरी भी निकाली थी।

सोशल मीडिया के बाद भाजपाई हुए हमलावर

लॉटरी प्रक्रिया पर सोशल मीडिया में दो दिन से जमकर हो रहे विरोध के बाद अब भाजपाई नेता भी इस आवंटन प्रक्रिया पर सवाल उठा रहे हैं। भाजयुमो के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य आईदान सिंह भाटी ने कहा कि गहलोत सरकार आने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के सभी रिश्तेदारों के नौकरियां लग जाती हैं, जैसलमेर विधायक के सभी रिश्तेदारों के लॉटरी खुल जाती है। जैसलमेर के लोगों को इस कॉलोनी से काफी उम्मीदें थीं। आवंटन प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए थी।

 

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