चुनावी तैयारी में जुटी कांग्रेस ने शुरू की समीक्षा तो कई बूथों पर मिले फर्जी अध्यक्ष, मोहन मरकाम के फोन से खुली पोल
रायपुर । छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव से आठ महीना पहले उम्मीदवार चयन को लेकर राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। कांग्रेस ने चुनाव में मजबूती से उतरने से पहले बूथों को मजबूत करने का अभियान शुरू किया है। कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम और राष्ट्रीय सहसचिव विजय जांगिड़ की अध्यक्षता में रायपुर संभाग की बूथ कमेटियों के गठन की समीक्षा की गई। समीक्षा में यह तथ्य सामने आया कि कई बूथों पर फर्जी अध्यक्ष बना दिए गए हैं। दरअसल, बूथ कमेटी की समीक्षा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष मरकाम ने बूथ अध्यक्षों की सूची मांगी और खुद फोन करके उनका सत्यापन शुरू कर दिया। पदाधिकारियों की मौजूदगी में मरकाम ने पांच अध्यक्षों से संवाद किया। इसमें रायपुर जिले के महंत लक्ष्मीनारायण वार्ड के अध्यक्ष प्रशांत ठेंगड़ी की सूची में गड़बड़ी पकड़ी गई।
90 प्रतिशत कमेटी बनी, बाकि के लिए 28 अप्रैल तक का मिला समय
ठेंगड़ी ने जिस व्यक्ति का नाम बूथ अध्यक्ष के रूप में बताया, उसे जब मरकाम ने फोन किया तो उन्होंने कहा कि मैं तो अध्यक्ष हूं ही नहीं। इतना सुनते ही मरकाम भड़क गए और नए सिरे से बूथ कमेटी बनाने का निर्देश दिया। कई जिलों में बूथ कमेटियों का गठन नहीं होने पर भी मरकाम ने गहरी नाराजगी जताई और 28 अप्रैल तक बूथ कमेटियों के गठन का निर्देश दिया।
बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में मरकाम ने कहा कि मई के प्रथम सप्ताह से बूथ कमेटियों का प्रशिक्षण शुरू होगा। 90 प्रतिशत बूथ पर पदाधिकारी तय हो गए हैं। बूथ स्तर पर 31 सदस्यों की कमेटी बनाई जा रही है, जिसमें सभी वर्गों को शामिल किया जा रहा है।
हाईकमान तय करेगा किसे देना है टिकट
उम्मीदवारों के चयन पर मरकाम ने कहा कि सिर्फ छह महीने बाद चुनाव अभियान शुरू हो जाएगा। संगठन स्तर पर लगातार फीडबैक लिया जा रहा है। टिकट फाइनल होने से पहले हाईकमान भी सर्वे कराता है। मरकाम ने कहा कि हम तो यही चाहेंगे कि सभी 71 विधायकों को टिकट मिले, लेकिन किसको टिकट देना है, किसे नहीं देना है, यह हाईकमान तय करेगा। विधायकों के कामकाज में कहीं कमियां है, तो उसे दूर करने के निर्देश सरकार और संगठन स्तर से दिए जा रहे हैं।
सर्वे के माध्यम से फीडबैक मिलता है, जिसके मुताबिक आगे काम करते हैं। वहीं, हारी विधानसभा सीट पर भाजपा की समीक्षा को लेकर मरकाम ने कहा कि हर राजनीतिक दल अपने स्तर पर तैयारी कर रहा है। कांग्रेस संगठन के लोग भी सभी जगह पर जा रहे हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर विधानसभा क्षेत्रों में जा रहे हैं और समस्याओं का निराकरण कर रहे हैं। सीएम कार्यकर्ताओं और जनता की बात सुन रहे हैं। संगठन को मजबूती कैसे प्रदान करें, प्रदेश स्तर पर प्रयास कर रहे हैं।
केंद्र सरकार पर सौतेले व्यवहार का लगाया आरोप
मोहन मरकाम ने कहा कि केंद्र सरकार प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। मोदी सरकार राज्यांश की राशि समय के साथ जमा नहीं कर पा रही। प्रदेश में 2014 से 2018 तक डबल इंजन की सरकार थी। प्रधानमंत्री आवास के लिए 78 हजार आवेदन आए थे। कांग्रेस सरकार आने के बाद बढोतरी हुई। राज्य सरकार ने तीन हजार करोड़ से अधिक की राज्यांश की राशि आवास योजना के लिए दिया है। केंद्र से राशि नहीं मिलने के कारण आवास का निर्माण लटक गया है।
मोर्चा-प्रकोष्ठ को अलग-अलग क्षेत्र की मिली जिम्मेदारी
कांग्रेस के विभागों, मोर्चा-प्रकोष्ठ के अध्यक्षों की बैठक में जिम्मेदारी तय की गई है। मरकाम ने कहा कि चुनाव नजदीक है, ऐसे में सभी को जनता के बीच जाना है। सभी प्रकोष्ठों को संगठन और सरकार के कामों को पहुंचाना है। प्रभारी सहसचिव विजय जांगिड़ ने कहा प्रकोष्ठों को एक क्षेत्र विशेष की जवाबदारी दी गई है। आपको उस क्षेत्र में पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करना है।
कांग्रेस विधायकों का परफार्मेंस कमजोर: भाजपा
भाजपा के प्रदेश महामंत्री केदार कश्यप ने कहा कि पहले कांग्रेस यह तो तय कर ले कि टिकट देने का आधार क्या होगा क्या? कांग्रेस के सभी विधायकों का परफार्मेंस खराब है। जैसे-जैसे चुनाव करीब आ रहे हैं, सरकार की वादाखिलाफी ने कांग्रेस में बदहवासी का आलम पैदा कर दिया है। अब कांग्रेस के लोग यह भी तय नहीं कर पा रहे हैं कि अगले चुनाव में टिकट किसको दें और किसको न दें?
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