10 साल की बच्ची पर कुत्तों ने किया हमला, लोगों ने बचाई मासूम की जान
आगरा के संजय प्लेस की पार्किंग में बृहस्पतिवार दोपहर खूंखार कुत्तों ने 10 साल की बालिका पर हमला कर दिया। उसके पैर से मांस नोंच लिए। हमले से लहूलुहान बच्ची सहम गई। शोर सुनकर आसपास मौजूद लोगों ने पहुंचकर बालिका की जान बचाई।
गिहार बस्ती निवासी राजू की सूरसदन के सामने संजय प्लेस पार्किंग में चाय की दुकान है। दोपहर करीब 2 बजे उनकी कक्षा 2 में पढ़ने वाली 10 साल की पौत्री बाबा को खाना देने आई थी। उसके साथ छोटी बहन भी थी। पार्किंग के सामने मार्केट से गुजरते समय अचानक पांच-छह कुत्तों ने बालिका पर हमला कर दिया। पैर से मांस नोंच लिए। चीख सुनकर पार्किंग से लोग दौड़े। कुत्तों से बच्ची की जान बचाई। राजू ने बताया कि मार्केट में कुछ मीट की दुकानें हैं। आसपास खूंखार कुत्तों का झुंड बैठा रहता है। कोई भी व्यक्ति वहां से गुजरता है तो कुत्ते उसे दबोच लेते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले सात दिन में यहां चार बच्चे व एक व्यक्ति को कुत्ते काट चुके हैं।
इलाज के लिए ले गए अस्पताल
राजू ने बताया कि जख्मी हालत में बालिका को इलाज के लिए इमरजेंसी ले गए। जहां जख्मों पर पट्टी की गई। वजीरपुरा निवासी 7 साल की फरीन पुत्री निसार अली को कुत्तों ने जख्मी किया था। इसके अलावा चश्मा विक्रेता के 12 साल के पुत्र देवा को भी कुत्तों ने काटा। सात दिन में यहां कुत्ता काटने की पांच घटनाएं हो चुकी हैं।
नगर निगम के पास नहीं इंतजाम
एक तरफ व्यस्त बाजार, स्मारक, रेलवे स्टेशन से लेकर अस्पताल और व्यावसायिक स्थलों पर कुत्तों का आतंक है, दूसरी तरफ नगर निगम के पास कुत्तों के हमलों को रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं। नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अजय कुमार का कहना है कुत्तों के काटने की घटनाएं हमारी जिम्मेदारी नहीं हैं। जो शिकायतें आती हैं उसके आधार पर कुत्तों की नसबंदी कराई जाती है। कुत्तों को पकड़ने के लिए एक गाड़ी है। रोज 100 कुत्तों को नसबंदी के लिए पकड़ा जाता है।
ठेके पर चल रही नसबंदी योजना
एक कुत्ते की नसबंदी पर नगर निगम करीब 1100 रुपये खर्च कर रहा है। शहर में 60 हजार से अधिक कुत्ते हैं। 17 हजार कुत्तों की नसबंदी पर करीब 1.50 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं। कुत्तों की नसबंदी योजना नगर निगम ने तीन संस्थाओं को ठेके पर दे रखी है।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.