पुंछ आतंकी हमले का भयावह मंजर देख कांपी रूह
पुंछ जिले के भाटादूड़ियां इलाके में सैन्य वाहन पर आतंकी हमले में पांच जवान शहीद हो गए। आतंकियों ने पहले गोलियां चलाईं फिर ग्रेनेड दागे, जिससे वाहन में आग लग गई। जवान आग में झुलस गए। एक जवान गंभीर रूप से घायल है, जिसे एयरलिफ्ट कर इलाज के लिए सैन्य अस्पताल भेजा गया है।शहीद होने वालों में चार जवान पंजाब तथा एक ओडिशा के हैं। हमलावरों की संख्या चार से पांच बताई जा रही है।
सैन्य प्रवक्ता ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि पूरे इलाके की घेराबंदी कर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। श्रीनगर में अगले महीने 22 से 24 मई के बीच जी-20 की बैठक को देखते हुए सेना को सतर्क रहने की एडवाइजरी जारी की गई है।वहीं, पुंछ जिले के भाटादूड़ियां में आतंकी हमले के बाद सैन्य वाहन के भीतर और सड़क पर जिंदा जलते जवानों को देखने वाले चश्मदीदों ने घटना स्थला के मंजर के बारे में बताया।
चश्मदीद आतंकी हमले के कुछ समय बाद घटनास्थल पर पहुंच गए थे।चश्मदीदों का कहना है कि भयंकर मंजर में किसी की टांग तो किसी का हाथ सड़क किनारे बिखरा पड़ा था। फिल्मों में तो कई बार लोगों को जिंदा जलते देखा, लेकिन हकीकत में पहली बार शहीदों को इस तरह देखकर रूह कांप गई। इन लोगों का कहना है कि वे जम्मू से पुंछ लौट रहे थे। जैसे ही उनके वाहन तोता गली के आगे पहुंचे तो उन्होंने सेना के एक वाहन को जलते देखा। उनके चालकों ने वहीं गाड़ियों की ब्रेक मार दी, और वह उतर कर सैन्य वाहन की तरफ भागे।
उनके पीछे अन्य लोग भी भागते हुए वाहन के पास पहुंचे तो वाहन से उठ रहीं आग की लपटों के बीच दो जवानों को वाहन के अंदर आग से लिपटे देखा। कुछ जवान वाहन के नीचे सड़क पर आग में लिपटे हुए थे। उनकी वर्दियों के साथ ही उनके शरीर बुरी तरह जल रहे थे, और मांस के जलने की हल्की हल्की दुर्गंध भी उठने लगी थी।
वाहन चालकों ने हिम्मत दिखाते हुए जवानों के जिस्म पर लगी आग को बुझाने के प्रयास शुरू किए, लेकिन लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था। आंखों के सामने पहली बार असल में इंसानों को जलते देख उनकी रूह कांप गई।ऐसा लगा कि सभी लोग पत्थर में बदल गए हों। इस बीच अन्य कई वाहन भी मार्ग पर रुके और उनके यात्री भी शोर मचाते हुए पहुंचे। वे भी हिम्मत कर आग बुझाने लगे।
लेकिन, वहां का मंजर बड़ा ही भयंकर था। जलते इंसानों के साथ किसी की टांग, किसी का हाथ तो किसी का शव सड़क किनारे पड़े देखा।जहां सब जवानों के शरीर आग में झुलस गए थे, वहीं एक जवान सड़क के किनारे औंधे मुंह पड़ा था। सोचा कि वह बेहोश है, लेकिन जैसे ही उसे सीधा किया तो पांव के नीचे से जमीन ही निकल गई। उसके माथे पर बने गड्डे से बहुत खून बह रहा था।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.