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कोविड संक्रमित, हेपेटाइटिस बी एवं एचआईवी संक्रमित महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराने में मिली कामयाबी: एएनएम पिंकी

सच्ची लगन से अपने कर्तव्यों को निवर्हन करने वाली एएनएम को स्वास्थ्य मंत्री ने किया सम्मानित:

मरीज़ों की भावनाओं को समझना निहायत जरूरी: एमओआईसी

चिकित्सकों एवं नर्सो के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने की आवश्यकता: सिविल सर्जन
कटिहार। पूरे विश्व में फ्लोरेंस नाइटेंगल की याद में 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस मनाया जाता है। मरीज़ों की सेवा भावना के प्रति चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने में चिकित्सकों के अलावा स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत जीएनएम एवं एएनएम की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण होती है। इनके सार्थक प्रयास से ही अस्पतालों में उपलब्ध मरीज जल्द स्वस्थ होकर अपने घर पहुंचते हैं। स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत नर्स किसी भी व्यक्ति के उपचार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को सार्थक करती हैं। इसी उद्देश्य से कटिहार जिले के कोढ़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रसव कक्ष की प्रभारी एएनएम पिंकी कुमारी को बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह के द्वारा संयुक्त रूप से फ्लोरेंस नाइटेंगल नर्स अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया है। एएनएम पिंकी कुमारी को राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा सम्मानित किए जाने पर सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह, डीपीएम भगवान प्रसाद वर्मा, डीसीक्यूए डॉ किसलय कुमार, एमओआईसी डॉ अमित आर्या, बीएचएम मुकेश कुमार सिंह, केयर इंडिया के डीटीएल प्रदीप बेहरा सहित कई अन्य के द्वारा प्रसन्नता ज़ाहिर की गई है। कोविड संक्रमित, हेपेटाइटिस बी एवं एचआईवी संक्रमित महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराने में मिली कामयाबी: एएनएम पिंकी सुरक्षित प्रसव कराने, मातृ-शिशु देखभाल में उत्कृष्ट कार्य से अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोढ़ा की एएनएम पिंकी कुमारी विगत छः वर्षो से प्रसव केंद्र के प्रभारी के रूप में कई गर्भवती महिलाएं एवं नवजात शिशुओं को जीवनदान देने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी हैं। वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल में भी वह अपने कर्तव्यों को बखूबी निवर्हन कर चुकी हैं। अपने कार्यकाल में वह कोविड-19 संक्रमित, हेपेटाइटिस बी एवं एचआईवी पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं का संस्थागत एवं सुरक्षित प्रसव करा चुकी हैं। उनके द्वारा अभी तक सैकड़ों जटिल गर्भवती महिलाओं का सफलता पूर्वक प्रसव कराया गया है। एनीमिक गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव करा कर अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कराया गया है। मरीज़ों की भावनाओं को समझना निहायत जरूरी: एमओआईसी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोढ़ा के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अजय आर्या ने बताया कि मरीज़ों को मानसिक रूप से अधिक सहानुभूति की आवश्यकता होती है। प्रसव केंद्र में प्रतिनियुक्त जीएनएम या एएनएम का पहला कर्तव्य होता है कि मरीज़ों से सहज एवं सरल तऱीके से पेश आयें जिससे उनलोगों की आधी बीमारी ठीक हो जाती है। हालांकि रोगियों की पीड़ा को समझते हुए आवश्यकता अनुसार सलाह व चिकित्सा प्रदान करना चाहिए। इसका पूरा ख्याल रखते हुए वह मरीजों की संवेदनाओं को समझती एवं उनकी पीड़ा को कम करने का हर संभव प्रयास करती हैं। चिकित्सकों एवं नर्सो के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने की आवश्यकता: सिविल सर्जन सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि अस्पताल परिसर या प्रसव कक्ष में जब कोई मरीज या अभिभावक उम्मीद की किरण के साथ इलाज कराने के लिए आता है तो नर्सिंग सेवा से जुड़ी नर्सो को भी उनके उम्मीदों पर खड़ा उतरने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि आपलोगों का पहला फर्ज होता है कि अपनी सेवा से मरीजों या उनके परिजनों के चेहरे पर मुस्कान लायी जाए। ताकि सरकारी सेवा या अस्पताल के प्रति लोगों के मन में विश्वास बढ़े और सरकारी संस्थानों में अधिक से अधिक लोग आयें। अस्पताल के रोगियों को सही एवं शीघ्र उपचार दिलाने के लिए चिकित्सकों एवं नर्सो के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने की आवश्यकता होती है।

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