गृह आवास के मालिक सीखेंगे विदेशी मेहमानों का स्वागत सत्कार करने का तरीका
भोपाल। गृह आवास (होम स्टे) को बेहतर बनाने के लिए इंस्टीट्यूट आफ होटल मैनेजमेंट (आईएचएम) और मप्र पर्यटन बोर्ड की मदद से गृह आवास के मालिकों को मेहबानों यानी पर्यटकों का स्वागत सत्कार करना सिखाया जा रहा है। वो कैसे देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी संस्कृति से रूबरू कराएं। उनसे बातचीत का तरीका। इसके साथ ही चैक इन से लेकर चैक आउट करने तक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस योजना में मप्र के 280 से अधिक गृह आवास मालिकों को इसका प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित है। अभी तक 180 मालिकों का इसका प्रशिक्षण दिया जा चुका है। यह प्रशिक्षण पांच बैचों में लगाया जा रहा है।
15 मई से लगेगा नया बैच
इस प्रशिक्षण का नया बैच 15 मई से लगाया जाएगा। इसके बाद दूसरा बैच 22 मई से शुरू होगा। एक बैच में 30-30 गृह आवास के मालिकों को कुशल प्रशिक्षक की मदद से प्रशिक्षण मिलेगा। शहर में भी ऐसी कई जगह है। जहां विदेशी मेहबानों को फाइव स्टार होटलों की सुविधा दी जाती है। इन गृह आवास में मेहबानों को 10 से 15 दिनों तक रोका जाता है। इन्हीं गृह आवास अब और बेहतर किया जा रहा है। इसका फायदा ग्रामीण क्षेत्रों के मालिकों को भी होगा। साथ ही रोजगार भी मिलेगा।इसमें महिला और पुरुष दोनों ही शामिल होते हैं।
गांव को पर्यटन हब के रूप में कर रहे हैं विकसित
गांव के लोगों को भी रोजगार मिल सकें इसलिए गांव को पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। जिन गांव के आस-पास पर्यावरण, प्राकृतिक सुंदरता, पानी, झील, झरने हैं उन क्षेत्रों को मप्र पर्यटन बोर्ड विकसित करने पर जोर दे रहा है। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग वहां घूमने आएं गांववासियों को रोजगार का अवसर मिल सके।
प्रयोग के जरिए सिखा रहे व्यंजनों का पेश करना
गृह अावास के मालिकों को प्रयोग की मदद से व्यंजनों को मेहबान के सामने परोसने की कला सीखाई जा रही है। इसमें उनको फूड प्रेजेंटेशन, बेडिंग करना और चैक इन चैक आउट के समय डाक्यूमेंटेश कराना भी सीखाया जा रहा है।लोकल संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ साथ ही मिलेट्स ईयर पर मिलेट्स को प्रमोट करने के लिए भी यहां प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसमें मिलेट्स से कुकीज, खीर, बिस्किट और रोटी बनाने की कला सीखाई जा रही है। जिससे इस संस्कृति को विदेशों में भी पहुंचाया जा सकें। जो स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है।
इनका कहना है
गृह आवास के मालिकों को प्रशिक्षण देने के लिए अभी चार बैच होने वाले हैं। अभी दो मैच जल्द ही शुरू होंगे।इसमें गृह आवास के मालिकों को लोकल संस्कृति को बढ़ावा देने का मौका मिलेगा।संस्कृति को बचाने और प्रांतीय व्यंजनों को विकसित करने में मदद मिलेगी।
-आनंद कुमार सिंह, प्राचार्य, आईएचएम
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.