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सीहोर जिले के सलकनपुर में देवी लोक महोत्सव 29 मई से

भोपाल। उज्जैन में श्रीमहाकाल महालोक के बाद सीहोर जिले के श्रीसलकनपुर धाम को देवी लोक के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें माता विजयासन के साथ देवी के सभी नौ रूपों के दर्शन होंगे। 29 मई से देवी लोक महोत्सव प्रारंभ होगा और 31 मई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान देवी लोक निर्माण के लिए भूमि-शिला पूजन करेंगे। निर्माण में जनसहयोग के लिए हर घर से शिला और ईंट ली जाएंगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने मंगलवार को अपने आवास में आयोजित ग्राम और नगर समितियों के सम्मेलन में रथ रवाना कर दिए हैं। ये रथ गांव-गांव जाकर शिला और ईंट लाएंगे।

सम्मेलन में मुख्यमंत्री और उनकी पत्नी साधना सिंह ने देवी जी की चरण पादुका सिर पर रखकर रथ (वाहन) पर रखी। वहीं देवी लोक महोत्सव की डीपी और पोस्टर का अनावरण भी किया। एक लघु फिल्म के माध्यम से देवी लोक निर्माण के प्रकल्प का विवरण दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सलकनपुर में निर्मित होने वाले देवी लोक का धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व रहेगा। राजधानी की नजदीक होने के कारण यहां पहुंचने वालों की संख्या लाखों में होती है। यहां अनेक पर्यटक सुविधाएं विकसित की गई हैं। मंदिर पहुंचने के लिए सीढ़ियां, सड़क, रोप-वे उपलब्ध है। देवी लोक के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं के निवास, खान-पान से जुड़ी सुविधाओं में वृद्धि होगी। चौहान ने कहा कि सिद्ध क्षेत्र सलकनपुर में मूल मंदिर यथावत रहेगा। मैया के नवरूप भी रहेंगे। यही नहीं 64 योगिनी मंदिरों के निर्माण, विभिन्न दुकानों के निर्माण और अन्य व्यवस्थाओं के कारण इस क्षेत्र का महत्व बढ़ेगा।

शिला एकत्रीकरण, चुनरी यात्राएं होंगी

मुख्यमंत्री ने बताया कि 28 मई को ग्रामों में शिला-चुनरी यात्रा निकाली जाएंगी। ‘मेरे घर की मिट्टी मां के चरणों में अर्पित’ करने और प्रत्येक ग्राम पंचायत में प्रत्येक घर से ईंट-शिला का संकलन होगा। 29 मई को रंगोली, माता के श्रृंगार की प्रतियोगिताएं होंगी। भजन मंडल भजनों की प्रस्तुति देंगे। प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान पर आने वाले प्रतिभागियों को एक लाख 51 हजार, एक लाख और 51 हजार रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा।

चौहान ने बताया कि 31 मई को देवी लोक के लिए भूमि एवं शिला पूजन के साथ धर्मगुरुओं और कथावाचकों का सम्मान किया जाएगा। रेहटी नगर समिति के सौजन्य से गरबा की प्रस्तुति भी होगी। सांसद रमाकांत भार्गव ने कहा कि 17 से 28 मई तक चरण पादुकाओं का पूजन और उन्हें ग्राम-ग्राम लेकर जाएंगे। ग्रामों के मंदिरों की मिट्टी भी मुख्य कार्यक्रम के लिए समर्पित की जाएगी।

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