अंडमान-निकोबार में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून की आहट अगले सप्ताह तक बढ़ने की उम्मीद
मानसून को लेकर इस साल कुछ ज्यादा ही इंतजार है। इसकी दो वजहें हैं। पहली तो यह कि मौसम के जानकारों ने इस साल सामान्य बारिश का अनुमान जताया था और दूसरी यह है कि इस बार गर्मी ठीक से पड़ नहीं पाई। देश के कई शहरों में बारिश हो रही हे। इसके चलते मानसून पर असर पड़ने की आशंका है। इसी हफ्ते की शुरुआत में मौसम कार्यालय ने कहा था कि इस बार मानसून में कुछ देरी हो सकती है। इन सबके बीच अब एक ताजा अपडेट आया है। इसके अनुसार दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने शुक्रवार को दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी, निकोबार द्वीपसमूह और दक्षिणी अंडमान सागर में बढ़त ले ली है। भारतीय मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिमी मानसून ने दक्षिणी-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों, निकोबार द्वीपसमूह और दक्षिणी अंडमान सागर पर गरज-बरस दिखाई है। अगले 3-4 दिनों में इन क्षेत्रों में दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के बढ़ने की उम्मीद है।
अच्छे मानसून से खेतों की सिचाई से लेकर जल संचय तक की समस्याओं का समाधान होगा। कृषि प्रधान देश भारत में चार महीने के बरसात के मौसम के लिए माहौल बन गया है। भारत की 3.5 खरब डालर की अर्थव्यवस्था में कृषि का भारी योगदान है। अलनीनो के मौसम पैटर्न की आपात स्थिति को देखते हुए इस साल मानसून की बारिश को लेकर चिता जताई गई है।
केरल में अभी है देर
क्योंकि केरल में मानसून के आने में देरी के आसार हैं जबकि आमतौर पर मानसून एक जून को केरल के तटों को छू लेता है। अल नीनो में दक्षिण अमेरिका के नजदीक प्रशांत महासागर के जल की सतह बेहद गर्म हो जाती है और इससे आसपास का वातावरण प्रभावित होता है।
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