कांग्रेस के निशाने पर अधिकारी-कर्मचारी जिला अध्यक्षों से बनवाई जा रही सूची
भोपाल। मध्य प्रदेश में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस के निशाने पर अधिकारी-कर्मचारी भी आ गए हैं। पार्टी जिला अध्यक्षों और विधायकों से ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों की सूची तैयार करके देने के लिए कहा है जिनका झुकाव भाजपा की ओर से है या नेताओं के रिश्तेदार हैं।
इन्हें चुनाव से पहले हटाने के लिए निर्वाचन आयोग से मांग की जाएगी ताकि वे चुनाव को प्रभावित न कर सकें। इसमें कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त, संयुक्त और उप कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पुलिस निरीक्षक, उप निरीक्षक सहित अन्य संवर्ग के अधिकारी शामिल हैं।
प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया कि कई अधिकारियों को लेकर शिकायत मिली है कि वे भाजपा के पक्ष में काम कर रहे हैं। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। झूठे मामलों में फंसाया जा रहा है।
कुछ कलेक्टर सार्वजनिक तौर पर भाजपा के पक्ष में बात कर रहे हैं। इन सभी की जानकारी जिला इकाइयों से बुलाई गई है। संगठन ने विधायकों से भी कहा है कि जो अधिकारी अपने अधिकार का दुरुपयोग कर रहे हैं, उन्हें सूचीबद्ध करें।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डा.गाेविंद सिंह ने भी अधिकारियों द्वारा प्रोटाकाल का पालन नहीं करने और कांग्रेस के विधायकों की उपेक्षा करने का आरोप लगाया था। ऐसे अधिकारियों को लेकर विधानसभा के मानसून सत्र में प्रश्न भी पूछे जाएंगे। चुनाव कार्यों के प्रभारी प्रदेश उपाध्यक्ष जेपी धनोपिया का कहना है कि जिलों से जानकारी एकत्र करके निर्वाचन आयोग से इन्हें हटाने की मांग की जाएगी ताकि चुनाव निष्पक्षता के साथ संपन्न हो सकें।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.