वास्तुशास्त्र के मुताबिक बनाएंगे अपने घर का मंदिर तो मिलेगी देवकृपा
ग्वालियर। घर को बनाने के साथ लोग घर में मंदिर भी बनवाते हैं। लेकिन मंदिर बनाने में खास ख्याल रखना होता है। क्योंकि मंदिर यदि घर में वास्तु के मुताबिक सही स्थान पर बन जाता है तो उसके सकारात्मक असर घर पर होते हैं और घर की प्रगति होती है। वास्तुशास्त्री हरिमोहन माहेश्वरी के मुताबिक घर में मंदिर बनाने में हमें सावधानी बरतनी चाहिए। तभी मंदिर का फल व देव कृपा मिलती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार इस तरह होना चाहिए पूजा घर
– घर में पूजा स्थल उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए।
– पूजा स्थल के बारे में एक बात का ख्याल अवश्य रूप से रखे की पूजा घर या पूजा स्थल के ऊपर गुम्बज या शीर्ष कभी न रखे।
– पूजा घर में भगवान की प्रतिमा स्थापित नहीं करनी चाहिए क्योंकि घर में प्राण प्रतिष्ठित मूर्ति का ध्यान उस तरह से नहीं रखा जा सकता है जैसा की रखा जाना चाहिए।
– फटे हुए चित्र, खंडित मूर्ति, पूजा घर में बिलकुल नहीं होनी चाहिए।
– घर में कभी भी सीढियो के निचे पूजा घर नहीं बनाना चाहिए।
– मकान बनाते समय इस बात का खास ध्यान रखे की टायलेट के बगल में पूजा घर नहीं हो।
इन बातों का भी रखें ध्यान
– पूजा घर में शिवालय नहीं होना चाहिए, आप चाहे तो शिवजी की मूर्ति अवश्य रख सकते है।
– घर के सामने क्या नही होना चाहिए ।
– घर के सामने कोई पेड़, नल, पानी की टंकी नहीं होना चाहिए, इनकी वजह से घर में पाजिटिविटी के आने में प्राब्लम होती है।
– घर के फ्रंट में अगर कोई फलदार पेड़ है तो उसे कभी सूखने न दे, अगर यह सुख रहा हो या फल नहीं दे रहा हो तो इससे घर के लोगों को संतानोत्पति की समस्या या बांझपन से जूझना पद सकता है।
– यदि घर की किसी दीवार पर पीपल उग जाये तो उसे पूजा करके हटाते हुए गमले में लगा देना चाहिए, पीपल को बृहस्पति गृह का करक मन जाता है।
– घर के ठीक सामने या बहार की साइट में छोटे फूलदार पौधे लगाना शुभ होता है।
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