गुप्त नवरात्र 19 जून से नौ देवियों के साथ दस महाविद्याओं की सिद्धि के लिए होगी साधना
भोपाल । आषाढ़ महीने के गुप्त नवरात्र 19 जून पड़वा के दिन से शुरू हो रहे हैं, जो 27 जून भड़ली नवमी तक रहेंगे। इन नौ दिनों के दौरान आदिशक्ति की पूजा-अर्चना के साथ जगन्नाथ रथयात्रा और विनायकी चतुर्थी पर्व भी मनाए जाएंगे। नवरात्र का समापन भड़ली नवमी पर होगा। यह दिन अबूझ मुहूर्त वाला है। विशेष धार्मिक अनुष्ठान के लिए शुभ योग रहेंगे।
पंडित राजीव चतुर्वेदी ने बताया कि गुप्त नवरात्र पर इस बार कोई तिथि क्षय नहीं होगी, नौ दिन के नवरात्र रहेंगे। गुप्त नवरात्र में नौ देवियों के अलावा दस महाविद्याओं की भी विशेष पूजा की जाती है। शहर के देवी मंदिरों के साथ ही लोग घरों में भी देवी मां की पूजा-अर्चना करेंगे। वहीं तंत्र-मंत्र सीखने वाले साधकों के लिए गुप्त नवरात्रि का खास महत्व माना जाता है। गुप्त नवरात्र में नौ दिनों तक उपवास रखने का विधान बताया गया है। इस नवरात्र में माता की आराधना रात के समय की जाएगी। नौ दिनों के लिए कलश की स्थापना की जा सकेगी। यदि कलश की स्थापना की है तो दोनों समय मंत्र जाप, दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
एक वर्ष में आते हैं चार नवरात्र
पंडित आलोक उपाध्याय ने बताया कि हर वर्ष चार नवरात्र आते हैं। इनमें दो प्रकट और दो गुप्त नवरात्र होते हैं। माघ और आषाढ़ मास के नवरात्रों को गुप्त नवरात्र कहा जाता है। वहीं चैत्र माह के नवरात्र को चैत्र नवरात्र व अश्विन माह के नवरात्र को शारदीय नवरात्र कहा जाता है। आषाढ़ मास में गुप्त नवरात्र हैं।
साधना से होती मनोकामना पूरी
गुप्त नवरात्र साधकों के लिए विशेष है। इस नवरात्र में साधक गुप्त शक्तियों की साधना करते हैं। खासतौर से 10 महाविद्याओं की सिद्धि प्राप्त कर सकते हैं। देवी भागवत के अनुसार जो साधक गुप्त नवरात्र में कम समय में 10 महाविद्याओं में से किसी भी महाविद्या की साधना करना चाहते हैं, वह इस गुप्त नवरात्र में अनुष्ठान करके अपनी मनोकामना पूरी कर सकते हैं। ऐसे में लोग मंदिरों में गुप्त रूप से मातारानी की पूजा-अर्चना करते हैं।
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