प्रोफेसरों के भर्ती का नियम बदला अब 56 वर्ष तक मिलेगी नौकरी 595 पदों के लिए जारी होगा विज्ञापन
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के कालेजों में प्रोफेसरों की सीधी भर्ती के लिए भर्ती नियम में बड़ा बदलाव किया है। सरकार ने प्रोफेसर बनने के लिए स्थानीय निवासियों के लिए उम्र सीमा 56 वर्ष कर दी है। इसके पहले यह उम्र सीमा 45 वर्ष थी। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद पहली बार 595 पदों पर प्रोफेसरों की सीधी भर्ती होगी। जल्द ही छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग(पीएससी) विज्ञापन जारी करेगा। कालेजों में पहली बार एसोसिएट प्रोफेसरों के पदों का भी सृजन किया गया है। नियमों के संशोधन को राजपत्र में दो जून 2023 को प्रकाशित कर दिया गया है।
भर्तियां करने की मंशा में सरकार
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आरक्षण विवाद के दौरान कहा था कि जैसे ही सबकुछ ठीक हुआ तो प्रदेश में भर्तियां होगी। 58 प्रतिशत आरक्षण सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बहाल होने के बाद एक महीने के भीतर राज्य में करीब 25 हजार नौकरियों के लिए विज्ञापन जारी हो चुके हैं। संभवत: तीन महीने के भीतर ये नियुक्तियां पूरी कर ली जाएगी।
प्रमुख विषयों में प्रोफेसर रिक्त पदों का विवरण
कुल पद – 595
राजनीति शास्त्र – 75, हिंदी – 64, अंग्रेजी – 30, अर्थशास्त्र – 51, समाजशास्त्र – 57, गणित – 35, रसायन शास्त्र – 50, वनस्पति विज्ञान – 30
प्रोफेसर बनने के लिए ये पात्रता जरूरी: संबंधित विषय में पीएचडी अनिवार्य है। इसके अलावा कम से कम 120 अनुसंधान अंक प्राप्त किए हों। सहायक प्राध्यापक के रूप में लगातार 10 वर्ष का अनुभव जरूरी हे। कम से कम 10 शोध पत्र का प्रकाशन कर चुके अभ्यर्थी इसके लिए पात्र होंगे। नियुक्ति लिखित परीक्षा और साक्षात्कार के जरिए होगी।
प्रोफेसरों की भर्ती से ये होंगे फायदे
पहली बार कालेजों में सीधे प्रोफेसर मिलेंगे।
पठन-पाठन कार्य में विद्यार्थियों को अवसर मिलेगा।
एक प्रोफेसरआठ शोधार्थियों को अनुसंधान या शोध करा सकेंगे
कालेजों में अनुसंधान का दायरा बढ़ने से गुणवत्ता बढ़ेगी
कालेजों नैक की ग्रेडिंग में भी आसानी होगी।
असिस्टेंट प्रोफेसरों को उच्च पद पर पहुंचने का अवसर मिलेगा।
निचले स्तर के पद खाली होंगे तो नए असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती हो सकेगी।
विवाद के बाद बदला नियम
सितंबर 2021 में सरकार ने प्रोफेसरों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसमें स्थानीय निवासियों के साथ बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष रखी गई थी। इससे स्थानीय असिस्टेंट प्रोफेसरों ने आपत्ति की थी। राज्य के अभ्यर्थी इस उम्र सीमा से बाहर हो रहे थे। उम्र सीमा को लेकर विवाद शुरू होने के बाद सरकार ने विज्ञापन को निरस्त करा दिया था। मामले में सरकार ने संज्ञान लेकर भर्ती नियम में बदलाव कर दिया। उम्र सीमा समेत तमाम विवादों को समाप्त करने के लिए नियमों में आवश्यक बदलाव किए गए हैं।
छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल का कहना है कि सरकार शिक्षा में गुणवत्ता के लिए लगातार काम कर रही है। प्रोफेसरों के सीधी भर्ती के मामले में जल्द ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.