सीएम शिवराज का ऐलान- मध्य प्रदेश में जहां भी भगवान कृष्ण ने लीलाएं की उन स्थानों का होगा विकास
इंदौर। भगवान श्रीकृष्ण ने उज्जैन में महर्षि सांदीपनि के जिस आश्रम में रहकर शिक्षा ग्रहण की, उस स्थल कोे विकसित किया जाएगा। केवल सांदीपनि आश्रम ही नहीं, मध्यप्रदेश में जहां-जहां भी भगवान कृष्ण ने लीलाएं की, उन स्थलों का विकास होगा। इससे समाज ही नहीं संपूर्ण देशवासी प्रेरणा लेंगे। स्वतंत्रता संग्राम के अमर बलिदानी राव तुलाराम की स्मारक भी इंदौर में बनाया जाएगा।
सीएम ने एक अन्य कार्यक्रम में फूलों का तारों का सबका कहना है गीत की पंक्तियां भी गाई। शहर के इंदौर के डीआरपी लाइन में आयोजित कार्यक्रम में लाड़ली बहनों ने सीएम का विशाल राखी बांधकर लाड़ली बहना योजना के लिए अभिनंदन किया।
रविवार को इंदौर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यादव समाज के प्रतिभा सम्मान समारोह में यह घोषणा की। अभय प्रशाल में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हम लोकतंत्र के शासक नहीं सेवक हैं। गोशाला के लिए बनाई गई नीति में आवश्यकता अनुसार सुधार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि गोशाला के संचालन के लिए दी जाने वाली राशि में चार गुना वृद्धि की गई है। इसके अलावा पदमश्री डा. भक्ति यादव की प्रतिमा उपयुक्त स्थल पर लगाएंगे।इसके साथ ही छात्रावास के लिए भूमि की व्यवस्था भी की जाएगी। समाजजन प्रशासन के साथ मिलकर जमीन चिन्हित कर प्रस्ताव बनााएं। समाज के विकास के लिए बोर्ड की आवश्यकता है तो वह भी पूरी की जाएगी।
सीएम ने कहा कि यादव समाज का सेना, खेल, चिकित्सा धर्म सहित हर क्षेत्र में योगदान रहा है। समाज के लोगों ने देश सेवा के लिए प्राण न्यौछावर किए हैं। इस अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डा.मोहन यादव ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने सामाजिक क्रांति का सूत्रपात किया
उन्होंने शिक्षा के माध्यम से समाज को नई दिशा दिखाई। हमारा प्रयास है कि नई शिक्षा नीति के माध्यम से संस्कृति, संस्कार, परम्परा, नैतिक शिक्षा एवं पराक्रम के संबंध में सामाजिक चेतना जाग्रत की जाए। कार्यक्रम को पूर्व मंत्री सचिन यादव, युवा आयोग के अध्यक्ष डा. निशांत खरे, यादव समाज प्रमुख कार्य समिति के गुलशन यादव, कमल यादव, डा. आरडी यादव ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, विधायक महेन्द्र हार्डिया, रमेश मेंदोला तथा मालिनी गौड़, नगर निगम के सभापति मुन्नालाल यादव और नंदलाल यादव भी मौजूद थे।
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