बांधवगढ़ में रही रौनक पिछले वर्ष की तुलना में 10 हजार पर्यटक ज्यादा पहुंचे
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या और बाघों की आसान साइटिंग के चलते पर्यटकों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। इस पर्यटन सत्र में पिछले पर्यटन सत्र की अपेक्षा लगभग 10 हजार पर्यटक बांधवगढ़ में ज्यादा पहुंचे। 30 जून को आखरी सफारी के बाद बांधवगढ़ के गेट पर्यटकों के लिए बंद कर दिए गए और उसके बाद जो आंकड़े सामने आए हैं वह काफी बेहतर है। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन ने नईदुनिया से चर्चा करते हुए जानकारी दी है कि पर्यटन के इस सत्र में कुल एक लाख 85 हजार 820 पर्यटक बाघों का दर्शन करने के लिए पहुंचे।
पिछले सत्र से ज्यादा
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पर्यटकों से गुलजार रहा। गत वर्ष के मुकाबले पर्यटकों की संख्या इस वर्ष (एक अक्टूबर 2022 से 30 जून 2023) ज्यादा रही। बांधवगढ़ में पिछले वर्ष की अपेक्षा करीब 10 हजार पर्यटक ज्यादा ज्यादा पहुंचे। इस बार बांधवगढ़ में एक लाख 85 हजार 820 पर्यटक बाघों का दर्शन करने के लिए पहुंचे। जिसमें भारतीय पर्यटकों की संख्या एक लाख 64 हजार 558 जबकि विदेशी पर्यटकों की संख्या पांच हजार 945 रही। पिछले वर्ष एक लाख 76 हजार 51 पर्यटक बांधवगढ़ पहुंचे थे। पिछले वर्ष बांधवगढ़ आने वाले देसी पर्यटकों की संख्या एक लाख 70 हजार 106 रही जबकि 21262 विदेशी पर्यटक पहुंचे।
विदेशी पर्यटक भी बढ़े
पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बांधवगढ़ आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या भी काफी ज्यादा रही है। पिछले वर्ष कुल 5945 पर्यटक बांधवगढ़ आए थे, जबकि इस बार 21262 विदेशी पर्यटकों ने बांधवगढ़ पहुंचकर बाघों का दीदार किया। यानी इस बार कुल 15317 ज्यादा विदेशी पर्यटकों ने पहुंचकर बाघों का दीदार किया। विदेशी पर्यटकों का बांधवगढ़ की तरफ रुझान इसलिए पड़ रहा है क्योंकि यहां पर बाघों की बेहतर सायटिंग हो रही है और वे बाघों केफोटो भी आसानी से खींच पा रहे हैं।
12 करोड़ की आय
बांधवगढ़ में पर्यटकों की लगातार बढ़ती संख्या के कारण पर्यटन से आए भी बढ़ गई है। एक लाख 85 हजार 820 पर्यटकों को पार्क में ले जाने के लिए एक अक्टूबर 2022 से 30 जून 2023 तक जिप्सी के 46 हजार 455 परमिट काटे गए। इससे कुल 11 करोड़ 61 लाख 35 हजार 500 रुपये पर्यटन शुल्क के रूप में जमा हुए। यह रकम तो वह है जो बटन विभाग को प्राप्त हुई है जबकि इससे ज्यादा राशि स्थानीय लोगों ने पर्यटकों से अर्जित की है। पार्क प्रबंधन का कहना है कि पर्यटन से होने वाली आय का ज्यादातर हिस्सा जंगल के विकास और जानवरों की सुरक्षा पर ही खर्च किया जाता है।
बढ़ेगा अभी और गौरव
मध्य प्रदेश के जंगलों में बाघों की संख्या लगातार बढ़ रही है और बाघों की बढ़ती संख्या के कारण मध्य प्रदेश का गौरव बढ़ता जा रहा है। खास बात यह है कि अभी यह गौरव और भी बढ़ेगा। दरअसल इसी महीने 29 जुलाई को चार वर्षीय बाघ गणना के आंकड़े जारी होंगे जिस से काफी उम्मीदें हैं कि मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या पिछली बार की अपेक्षा काफी बढ़ जाएगी। मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 4 वर्ष पूर्व हुई गणना के दौरान 124 बाघ पाए गए थे। उम्मीद है कि पिछले वर्ष की गणना के बाद आने वाले परिणामों में यह संख्या 150 के पार हो जाएगी। खास बात यह है कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक साल से छोटे बाबू की संख्या भी अच्छी खासी है।
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