ब्रेकिंग
सिंगरौली पुलिस ने अवैध कबाड़ के साथ एक कबाड़ी को पकड़ा, 2 लाख से ज्यादा का माल जब्त कैलाश मकवाना होंगे मध्य प्रदेश के नए डीजीपी, एक दिसंबर को लेंगे चार्ज नर्मदापुरम में दो पक्षों के विवाद में चली कुल्हाड़ी,जानिए क्या है पूरा मामला ‘मारो इसको…’ थानाध्यक्ष पर मुक्कों की कर दी बरसात, बचाते दिखे पुलिसकर्मी, जानें क्या है मामला एक समुदाय के लोग खुद को संविधान से ऊपर समझते हैं… संभल बवाल पर बरसे योगी के मंत्री मायावती का बड़ा ऐलान- EVM से फर्जी वोट डाले जा रहे, बसपा नहीं लड़ेगी कोई उपचुनाव हिना खान ने शिल्पा शिरोडकर की दोस्ती पर उठाए सवाल! करण वीर मेहरा को दे डाली ये सलाह पर्थ के ‘पठान’ बने यशस्वी जायसवाल, ऑस्ट्रेलिया में जीतेगा इंडिया, अब ना कोई शक, ना सवाल! महाराष्ट्र के चुनावी नतीजे सामने आने के बाद इतना महंगा हुआ गोल्ड, जानें आज का ताजा भाव कहां-कहां चल रहा आपका व्हॉट्सऐप? इस ट्रिक से लगेगा चुटकियों में पता

10वीं के छात्र की मौत की सीबीआइ जांच कराने को लेकर सेन समाज का प्रदर्शन

इंदौर। 10वीं के छात्र 17 वर्षीय अमित सेन की राजश्री नर्सिंग होम में डाक्टर की लापरवाही के चलते एनेस्थिसिया इंजेक्शन के ओवरडोज से मौत हो गई थी। कलेक्टर से शिकायत के बाद अस्पताल को सील कर दिया गया था। इसमें सम्मिलित डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई और सीबीआइ जांच की मांग को लेकर मंगलवार को केंद्रीय समिति सेन समाज इंदौर ने रीगल तिराहे और पलासिया स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में प्रदर्शन किया।

पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर को ज्ञापन भी सौंपा। इसमें बताया कि अमित का 29 मई का पैर फ्रैक्चर हो गया था। उसे इलाज के लिए रामबाग स्थित राजश्री नर्सिंग होम में डा. देवेंद्र भार्गव द्वारा भर्ती करवाया गया था। यहां डा. कुश बंडी आपरेशन करने वाले थे। डा. खुशबू चौहान ने अमित को बेहोशी करने का ड्रग दिया। इसके बाद उसकी मौत हो गई। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम ने जांच कर रिपोर्ट तैयार की थी। इसमें बताया था कि अस्पताल में गंभीर अनियमितताएं पाई गई थीं।

सैंपल से छेड़छाड़ की आशंका

पिता रिंकू सेन ने बताया कि 29 मई से लगातार अफसरों के दफ्तरों के चक्कर काट रहा हूं, लेकिन पुलिस ने अभी तक डाक्टरों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। पोस्टमार्टम के समय जो सैंपल लिए गए थे, उसकी देश में जांच नहीं होती है। फिर भी सैंपल हैदराबाद लैब भेजे गए थे, जो वापस कर दिए गए। सैंपल की जांच मेरे डीएनए से मिलाकर की जाए, क्योंकि सैंपल को लिए एक माह से अधिक हो चुका है। मुझे आशंका है कि सैंपल से भी छेड़छाड़ की गई है। इस केस की सीबीआइ जांच कराई जाए और तीनों डाक्टरों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए।

सीएमएचओ ने जिम्मेदार डाक्टरों के नाम देने से किया इनकार

पिता रिंकू ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच रिपोर्ट में यह लिखा गया है कि एनेस्थिसिया के ओवरडोज से मौत हुई है। ऐसा हमें प्रतीत हो रहा है, लेकिन इसमें जिम्मेदार डाक्टरों के नाम नहीं लिखे हैं। कमिश्नर ने डाक्टरों के नाम सीएमएचओ से लिखवाने के लिए कहे हैं, लेकिन सीएमएचओ डा. बीएस सैत्या जिम्मेदार डाक्टरों के नाम देने से इनकार कर रहे हैं। वे कह रहे हैं कि यही जांच रिपोर्ट है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.