आयडीए की स्कीम पहुंची हाई कोर्ट जनहित याचिका दायर
इंदौर। इंदौर विकास प्राधिकरण (आयडीए) द्वारा कनाडिया क्षेत्र के लिए घोषित टीपीएस-5 को लेकर मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर हुई है। याचिकाकर्ता का कहना है कि भूमि विकास नियम के प्रविधानों के मुताबिक आयडीए को सार्वजनिक उपयोग के लिए योजना में शामिल कुल भूमि की कम से कम 10 प्रतिशत भूमि खुली (ओपन स्पेस) छोड़ना होती है।
टीपीएस-5 में सिर्फ 5 प्रतिशत भूमि सार्वजनिक उपयोग के लिए खुली छोड़ी गई है। इस तरह से आयडीए भूमि विकास नियम के प्रविधानों का उल्लंघन कर रहा है। याचिका में आयडीए को योजना में संशोधन के आदेश देने की मांग की गई है।
हाई कोर्ट में यह जनहित याचिका प्रदीप हिंदुजा ने वरिष्ठ अभिभाषक रविंद्रसिंह छाबड़ा और मुदित माहेश्वरी के माध्यम से दायर की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि नियम का पालन करने के नाम पर आयडीए कनाडिया क्षेत्र की कुछ निजी जमीन में छोड़े गए ओपन स्पेस को अपने ओपन स्पेस में शामिल बता रहा है। सवाल यह है कि निजी जमीन पर छोड़े गए ओपन स्पेस को सार्वजनिक उपयोग के लिए कैसे इस्तेमाल किया जा सकता है।
गौरतलब है कि आयडीए ने हाल ही में टीपीएस-5 सहित कुछ योजनाएं घोषित की हैं। हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका में कहा है कि भूमि विकास नियम में ओपन स्पेस छोड़ने को लेकर स्पष्ट प्रविधान दिए गए हैं, बावजूद इसके आयडीए इनका उलंघन कर रहा है। इसके पहले भी कुछ योजनाओं में ऐसा किया जा चुका है।
योजना में पर्याप्त ओपन स्पेस छोड़ने पर ही स्कीम में भूखंड खरीदने वालों को सार्वजनिक उपयोग के लिए स्थान जैसे सामुदायिक भवन, शापिंग माल आदि उपलब्ध हो सकते हैं। अगर तय नियम से कम ओपन स्पेस छोड़ा जाएगा तो ये सुविधाएं नहीं मिल सकेंगी।
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