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2 अगस्त से लग रहा पंचक अगले 5 दिन भूलकर भी न करें ये काम

शुभता और अशुभता देखने के लिए हिंदू धर्म में पंचांग देखा जाता है। पंचांग के अनुसार, पंचक काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं। इससे अशुभ व अनिष्टकारी नक्षत्रों का संयोजन माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 5 नक्षत्रों के मेल को पंचक कहते है। ये नक्षत्र घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचकाल 2 अगस्त को रात्रि 11.26 बजे शुरू होगा और 7 अगस्त को दोपहर 1.43 बजे समाप्त होगा। इस दौरान शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आइए जानते हैं पंचक काल के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।

  • पंचक के दौरान घर में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। पंचक को अशुभ व अनिष्टकारी नक्षत्रों का योग माना जाता है। इस दौरान किए गए कार्यों का फल नहीं मिलता है।
  • पंचक के दौरान घर पर ही पूजा-पाठ कर सकते हैं, लेकिन किसी धार्मिक अनुष्ठान के साथ मंत्र का जाप न करें।
  • पंचक काल के दौरान गृह प्रवेश न करें। साथ ही नया फर्नीचर, महंगी वस्तुएं और सोना-चांदी न खरीदें।
  • पंचक के दौरान विवाह संस्कार, नामकरण संस्कार, उपनयन संस्कार, नया व्यापार या कार्यालय शुरू करने जैसे कार्यों से बचना चाहिए।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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