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पाकिस्तान के यूट्यूबर ने भड़काई नूंह में हिंसा, टूल की तरह इस्तेमाल हुआ सोशल मीडिया

चंडीगढ़/नूंह। हरियाणा के मेवात (नूंह) में हुई सांप्रदायिक हिंसा में गोरक्षक मोनू मानेसर, बिट्टू बजरंगी और विधायक इंजीनियर मामन खान की कथित संलिप्तता के बाद इसका पाकिस्तान कनेक्शन भी सामने आया है। पाकिस्तान के एक यूट्यूबर ने नूंह हिंसा से जुड़े भड़काऊ वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए, जबकि उसने अपनी लोकेशन राजस्थान में बताई। पुलिस की दर्ज एफआईआर में भी कहा गया है कि इस हिंसा को भड़काने में सोशल मीडिया की पोस्ट ने बड़ी भूमिका निभाई है।

हरियाणा सरकार का गृह मंत्रालय और खुफिया एजेंसियां नूंह हिंसा के पाकिस्तान कनेक्शन पर गहराई से काम करने में जुट गई हैं। किसी ठोस तथ्य के हाथ लगने से पहले ना तो गृह मंत्री अनिल विज कुछ कहने को तैयार हैं और न ही सीआईडी प्रमुख आलोक कुमार मित्तल किसी तरह की टिप्पणी करना उचित मान रहे हैं।

हिरासत में हैं 170 लोग

प्रदेश की पुलिस ने अभी तक जिन आरोपितों को गिरफ्तार किया है, उनसे हर एंगल पर पूछताछ की जा रही है। प्रदेश पुलिस ने करीब 170 लोगों को हिरासत में ले रखा है, जिन पर हिंसा भड़काने का शक है। सैकड़ों लोग मेवात छोड़कर फरार हो गए हैं। इन फरार लोगों में से अधिकतर की सूची पुलिस के पास है और उन्हें उन्हीं स्थानों से जाकर उठाने की योजना है, जहां पर वह जाकर छिपे हैं।

राज्य की पुलिस नूंह हिंसा में हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर पाकिस्तान कनेक्शन के साथ ही राजनीतिक कनेक्शन को जानने की भी कोशिश में जुटी है। यह तो पहले ही स्पष्ट हो चुका है कि नूंह हिंसा की तैयारी पहले से की गई थी और नूंह की रोहिंग्या बस्ती से भी इसका कनेक्शन है।

हिंसा के लिए दूसरे स्थानों से लोग पहुंचे थे। पुलिस का कहना है कि दिल्ली जैसा दंगा भड़काने की कोशिश की गई थी। अहसान मेवाती नाम के पाकिस्तानी यूट्यूबर ने अपने भड़काऊ वीडियो में लोगों से हिंसा करने और मोनू मानेसर को मारने का आह्वान किया था।

पाकिस्तान के यूट्यूबर ने भड़काई हिंसा

पाकिस्तान के यूट्यूबर अहसान मेवाती ने अलवर राजस्थान की लोकेशन बताकर कुछ वीडियो अपलोड किए थे। इसमें वह नूंह हिंसा के दौरान खुलेआम अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहा था और लोगों को हिंसा के लिए भी उकसाता दिखाई दे रहा था। राज्य की खुफिया एजेंसियों ने इस वीडियो की बारीकी से छानबीन शुरू कर दी है।

मेवाती ने मोनू मानेसर को जान से मारने और हिंसा भड़काने वाले कई बयान दिए थे। इसके अलावा उसने मुसलमानों से एकजुट होने और हिंदुओं के खिलाफ जंग और नफरत जैसे शब्दों का भी इस्तेमाल किया था। पुलिस कई और संदिग्धों की भी इंटरनेट मीडिया पोस्ट खंगाल रही है।

टूल की तरह इस्तेमाल हुआ सोशल मीडिया

नूंह पुलिस की एक एफआईआर में लिखा है कि नूंह हिंसा आकस्मिक तौर पर नहीं भड़की। इसके लिए कुछ दिन पहले से ही तैयारी की जा रही थी और सारे उपद्रवी नूंह के नहीं थे बल्कि आसपास के गांवों व क्षेत्रों से भी पहुंचे थे। पथराव और आगजनी का सामान जमा किया गया था और मेवात में दिल्ली जैसे दंगे कराने की तैयारी थी। पुलिस की एफआईआर में यह भी सामने आया है कि गुरुग्राम और आसपास के इलाकों से लोगों को बुलाने और उपद्रव के लिए सोशल मीडिया को टूल की तरह इस्तेमाल किया गया था।

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