मुंबई। यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को 300 करोड़ रुपये से अधिक के कथित धोखाधड़ी मामले में मुंबई के विशेष पीएमएलए कोर्ट ने बुधवार को जमानत दे दी है। इस बीच, दिल्ली उच्च न्यायालय ने यस बैंक के पूर्व एमडी और सीइओ राणा कपूर की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने कपूर की याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले को 11 मार्च को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया। पिछले महीने, निचली अदालत ने कपूर को जमानत से राहत देने से इन्कार कर दिया था, यह देखते हुए कि उनके खिलाफ आरोप सबसे गंभीर और गंभीर प्रकृति के थे। निचली अदालत ने हालांकि 15 अन्य आरोपितों बी हरिहरन, अभिषेक एस पांडे, राजेंद्र कुमार मंगल, रघुबीर कुमार शर्मा, अनिल भार्गव, तापसी महाजन, सुरेंद्र कुमार खंडेलवाल, सोनू चड्ढा, हर्ष गुप्ता, रमेश शर्मा, पवन कुमार को जमानत दे दी थी
जमानत याचिका का विरोध
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर आरोपपत्र पर संज्ञान लेने वाली अदालत द्वारा तलब किए जाने के बाद कपूर ने निचली अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर की थी। ईडी ने इसका विरोध किया था। न्यायाधीश ने कहा कि 15 आरोपित केवल कहने के लिए थे। अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में मामले में आरोपित व्यक्तियों के खिलाफ ईडी की अभियोजन शिकायत व आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए कहा था कि उनके खिलाफ आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त आधार हैं। ईडी के अनुसार, गौतम थापर, अवंता रियल्टी लिमिटेड (एआरएल), आयस्टर बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड (ओबीपीएल) और अन्य के खिलाफ आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और सार्वजनिक धन के दुरुपयोग या हेराफेरी का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया था। इससे पहले, ईडी ने दिल्ली की अदालत को बताया था कि जांच से पता चला कि लगभग 500 करोड़ रुपये की आय ओबीपीएल, झाबुआ पावर लिमिटेड (जेपीएल), झाबुआ पावर इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (जेपीआइएल), अवंता पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एपीआइएल) के माध्यम से की गई थी।
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