शहीद बेटे को श्रद्धांजलि देने पहुंचे पिता के लिए सबसे मुश्किल रहे वो 10 कदम…वीडियो देख नम हुई लोगों की आंखें
जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में बुधवार को आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में तीन वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी – एक कर्नल, एक मेजर और एक पुलिस उपाधीक्षक शहीद हो गए। यह इस साल कश्मीर में सुरक्षा बलों को लगा सबसे बड़ा झटका और नुकसान है। अधिकारियों ने कहा कि कोकेरनाग के गडोले इलाके में एक मुठभेड़ के दौरान सेना की विशिष्ट आतंकवाद विरोधी इकाई के कमांडिंग ऑफिसर सहित तीन सुरक्षा अधिकारी घायल हो गए। मुठभेड़ उस समय शुरु हुई जब उस क्षेत्र सुरक्षा बलों की संयुक्त टीमें घेराबंदी और तलाश अभियान (कासो) चला रही थीं। इस बीच तीनों घायल अधिकारियों ने दम तोड़ दिया।
जम्मू-कश्मीर पुलिस के जांबाज डीएसपी हुमायूं भट्ट बडगाम के हुमहामा में रहते थे, उनका पार्थिव शरीर जब बुधवार शाम को घर पहुंचा तो जनाजे में लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। आधी रात को दुआओं के लिए हजारों हाथ उठे और फातिहा पढ़ा गया। डीएसपी का पार्थिव शरीर जिस वक्त बडगाम में उनके घर लाया गया तो माहौल गमगीन था। एक पिता के लिए जवान बेटे का पार्थिव शरीर सामने पड़ा हो तो सोचिए उनपर क्या बीत रही होगी। शहीद डीएसपी हुमायूं भट्ट के पिता गुलाम हसन भट्ट ने जम्मू-कश्मीर में पुलिस बल का नेतृत्व किया लेकिन बुधवार की शाम उनके 10 कदम जिंदगी के सबसे भारी कदम थे।
गुलाम हसन भट्ट को अपने बेटे हुमायूं के शव के पास जाने और उस पर पुष्पांजलि अर्पित करने के एक वीडियो ने हर किसी को झकझोर कर दिया। बुजुर्ग पिता ने जब जवान अफसर बेटे के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी तो सबकी आंखें भर आईं। इसके बाद डीएसपी हुमायूं भट्ट के पार्थिव शरीर को उनके आवास पर ले जाया गया, जहां शहीद बेटे को देख चीख पुकार मच गई. बडगाम में डीएसपी हुमायूं के पार्थिव शरीर को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह ने बहादुर पुलिस अधिकारी को श्रद्धांजलि दी। शहीद डीएसपी हुमायूं भट्ट के परिवार में उनकी पत्नी और दो महीने की बेटी है। शहीद डीएसपी हुमायूं की शादी बीते साल हुई थी। हुमायूं भट्ट बीते तीन साल से जम्मू कश्मीर पुलिस में बतौर डीएसपी कार्यरत थे। हुमायूं की पत्नी प्रोफेसर हैं।
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