पाकिस्तान का एंटी-नारकोटिक्स का चीफ ही निकला “अंडरवर्ल्ड डॉन”, भारत में करता था ड्रग्स तस्करी
इस्लामाबादः पाकिस्तान की एंटी-नारकोटिक्स फोर्स (ANF) ने भारत में ड्रग्स तस्करी करने वाले हाई प्रोफाइल नेटवर्क का पर्दाफाश किया है। इस नेटवर्क को कोई और नहीं बल्कि लाहौर पुलिस की एंटी-नारकोटिक्स विंग के प्रमुख अंडरवर्ल्ड डॉन मजहर इकबाल द्वारा संचालित किया जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि मजहर इकबाल के नेतृत्व वाला नेटवर्क ड्रोन का इस्तेमाल करके भारत में ड्रग्स, विशेष रूप से हेरोइन की तस्करी करता था। पुलिस जांच के अनुसार, मजहर इकबाल के नेटवर्क द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला ड्रोन 6 किलोग्राम तक ड्रग्स ले जाता था और सीमा पार उड़ान भरने के बाद पंजाब में खेप पहुंचाता था। पाकिस्तान पुलिस ने कहा कि उसे लाहौर में इकबाल के नेटवर्क के अन्य सदस्यों को पकड़ने की उम्मीद है।
नेटवर्क के भंडाफोड़ की घोषणा पिछले हफ्ते पाकिस्तानी रेंजर्स ने की थी। रेंजर्स ने कथित तौर पर “मादक पदार्थों, हथियारों और गोला-बारूद” की तस्करी की कोशिश करने के आरोप में पाकिस्तानी क्षेत्र के अंदर छह भारतीयों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। गिरफ्तार तस्करों में से चार गुरमीत सिंह, शिंदर सिंह, जुगिंदर सिंह और विशाल जग्गा पंजाब के फिरोजपुर के रहने वाले हैं, जबकि रतन पाल सिंह और गर्वेंदर सिंह क्रमश जालंधर और लुधियाना से हैं।
अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार भारतीयों से पूछताछ के बाद मजहर इकबाल के खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई है। हालांकि, अधिकारी उसे गिरफ्तार नहीं कर पाए क्योंकि उसने गिरफ्तारी से पहले ही जमानत ले ली थी।
पाकिस्तान के डॉन अखबार के मुताबिक कई वरिष्ठ अधिकारियों को मजहर इकबाल की सीमा पार आतंकवाद में लंबे समय से संलिप्तता के बारे में पता था, लेकिन उन्होंने कथित तौर पर उनकी मिलीभगत को सुरक्षित करने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन का इस्तेमाल किया। उन्हें पाकिस्तान में कुछ प्रमुख राजनीतिक हस्तियों का भी समर्थन प्राप्त था। 1994 के बाद से इकबाल को अवैध गतिविधियों में शामिल होने के कारण छह बार सेवा से बर्खास्त किया गया और 45 बार निलंबित किया गया था। उसके खिलाफ ज्यादातर मामले मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े हैं।आश्चर्य की बात यह है कि इतने संदिग्ध ट्रैक रिकॉर्ड के बावजूद इकबाल को लाहौर पुलिस के मादक द्रव्य विरोधी विभाग का प्रमुख पद दिया गया था।
मजहर इकबाल के खिलाफ पुलिस केस अगस्त के आखिरी हफ्ते में दर्ज किया गया था। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि इकबाल और उसके नेटवर्क ने ड्रोन का उपयोग करके पाकिस्तानी शहर कसूर से भारत तक नशीली दवाओं के ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा प्रदान की। जांच से पता चला है कि मजहर इकबाल ड्रोन के माध्यम से 30 किलोग्राम से अधिक हेरोइन भारत पहुंचाने में शामिल था और उसे अपने इस काम के लिए दुबई में पेमेंट मिलता था। पाकिस्तान के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मजहर इकबाल ने इन अवैध गतिविधियों के जरिए काफी संपत्ति अर्जित की है।
ANF ने डॉन को यह भी बताया कि पूर्व पुलिस अधिकारी ने ड्रग तस्कर अहमद के आवास से 35 किलोग्राम ड्रग्स और तीन कारें बरामद की थीं, लेकिन केवल 450 ग्राम ड्रग्स का मामला दर्ज करने के बाद उसे छोड़ दिया। मजहर कथित तौर पर ड्रग तस्कर से 7.5 करोड़ रुपए लेने के आरोप में एएनएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया है। डॉन के मुताबिक, मजहर इकबाल ने कथित तौर पर अरबों रुपये की संपत्ति अर्जित की है और उसके पास शानदार कारों का एक बेड़ा भी है । वह लाहौर के पॉश डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी में चार कनाल के घर में रहते हैं । इसके अलावा उन्हें विभिन्न देशों, विशेषकर अमेरिका से हथियार इकट्ठा करने का भी शौक है ।
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