इस साल फिर स्मॉग से फूलेगा दिल्ली का दम, हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ होने से गैस चैंबर में तब्दील हो रही राजधानी
सर्दियों का मौसम आते ही वायु प्रदूषण भी धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। राजधानी दिल्ली में इसका असर भी देखने को मिल रहा है। बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 176 दर्ज किया गया, जोकि मध्यम श्रेणी में है। यह अक्तूबर माह में अब तक का सबसे अधिक है।
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा पराली जलाने के धुएं के कारण दिल्ली समेतपूरे उत्तर भारत में हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। इसके साथ ही स्थानीय कारक भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। ऐसे में अगर एक्यूआई 200 के पार पहुंचता है तो ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेड) का पहला चरण लागू हो जाएगा।
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के अनुसार, वीरवार को हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी रहेगी। वहीं, शुक्रवार से हवा की सेहत बिगड़ने लगेगी। इसमें अनुमान लगाया गया है कि इस दौरान हवा खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। जिसके बाद लोगों को सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है। आईआईटीएम के मुताबिक आने वाले 6 दिनों में हवा इसी श्रेणी में रहने का अनुमान है।
बुधवार को हवा की चाल उत्तर-पश्चिम रही और इसकी गति 8 से 16 किलोमीटर प्रतिघंटा दर्ज की गई। इस दौरान आसमान साफ रहा। वहीं, बृहस्पतिवार की सुबह हवा की गति 4 से 12 किलोमीटर प्रतिघंटे रहेगी। उत्तर-पश्चिम दिशाओं से हवा चलने से कुहासा (धुंध) होने के आसार हैं।
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