इस दिन मनाई जाएगी तुला संक्रांति, राशि के अनुसार करें इन चीजों का दान, मिलेगा लाभ
इंदौर। सूर्य देव को आत्मा का कारक माना जाता है। सूर्य देव 30 दिनों तक एक राशि में भ्रमण करते हैं। इसके बाद वे एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। सूर्य वर्तमान में कन्या राशि में स्थित है और 18 अक्टूबर को तुला राशि में गोचर करेंगे। अतः 18 अक्टूबर को तुला संक्रांति मनाई जाएगी। सनातन धर्म में संक्रांति की तिथि का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान, ध्यान और दान किया जाता है। संक्रांति तिथि पर पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पाप दूर हो जाते हैं। साथ ही स्वस्थ जीवन का वरदान भी मिलता है। सूर्य देव की कृपा पाने के लिए तुला संक्रांति पर अपनी राशि के अनुसार दान करें।
राशि के अनुसार करें इन चीजों का दान
- मेष राशि के जातकों को तुला संक्रांति की तिथि पर गुड़, मसूर की दाल और लाल मिर्च का दान करना चाहिए। इससे मंगल दोष का प्रभाव दूर होता है।
- वृषभ राशि के जातकों को सूर्य देव की कृपा पाने के लिए संक्रांति तिथि पर साबुत चावल और दूध का दान करना चाहिए।
- मिथुन राशि के जातकों को सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए तुला संक्रांति की तिथि पर विवाहित महिलाओं को हरी चूड़ियां दान देनी चाहिए।
- कर्क राशि के लोगों को भगवान सूर्य की कृपा पाने के लिए तुला संक्रांति के दिन सफेद कपड़े, दूध, चीनी और मिठाई का दान करना चाहिए।
- सिंह राशि के जातकों को सूर्य देव की कृपा पाने के लिए संक्रांति की तिथि पर गुड़ और शहद का दान करना चाहिए।
- कन्या राशि के जातकों को सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए तुला संक्रांति के दिन गाय माता को हरी घास खिलानी चाहिए।
- तुला राशि के जातकों को सूर्य देव की कृपा पाने के लिए तुला संक्रांति तिथि पर सफेद वस्त्र का दान करना चाहिए।
- वृश्चिक राशि के जातकों को तुला संक्रांति की तिथि पर सूर्य देव की कृपा पाने के लिए लाल रंग के वस्त्रों का दान करना चाहिए।
- धनु राशि के जातकों को भगवान भास्कर का आशीर्वाद पाने के लिए केसर युक्त दूध, केला और बेसन का दान करना चाहिए।
- मकर राशि के लोगों को सूर्य देव की कृपा पाने के लिए तुला संक्रांति पर काले तिल का दान करना चाहिए।
- कुंभ राशि के जातकों को सूर्य देव की कृपा पाने के लिए तुला संक्रांति की तिथि पर कंबल का दान करना चाहिए।
- मीन राशि के जातकों को तुला संक्रांति के दिन पीली सरसों, केला और बेसन का दान करना चाहिए। इससे सूर्य देव की कृपा बनी रहती है।
डिसक्लेमर
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