दिल्ली में मिले 8 नए पॉल्यूशन स्पॉट, अगले दो हफ्ते चुनौतीपूर्ण
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को कहा कि सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में मौजूदा 13 सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों के अतिरिक्त आठ और ऐसे ही क्षेत्रों की पहचान की है और प्रदूषण के स्रोत पर अंकुश लगाने के लिए विशेष दल तैनात किए जायेंगे। राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण घटाने के उपायों को प्रभावी तरीके से लागू करने के वास्ते 28 विभागों के साथ हुई एक बैठक के बाद राय ने कहा कि सरकार ने धूल प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए धूल शामक पाउडर का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक मई के बाद पहली बार रविवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में चला गया था। इसका मुख्य कारण तापमान में गिरावट और हवा की रफ्तार में कमी आना है जिससे प्रदूषक जमा हो जाते हैं।
मंत्री ने कहा, “ दिल्ली में मौजूदा सर्वाधिक प्रदूषित क्षेत्रों के अलावा हम ऐसे आठ और स्थानों पर ध्यान दे रहे हैं जहां एक्यूआई (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 300 अंक से ज्यादा है। इन स्थानों में शादीपुर, आईटीओ, मंदिर मार्ग, नेहरू नगर, पटपड़गंज, सोनिया विहार, ध्यानचंद स्टेडियम और मोती बाग शामिल हैं।” उन्होंने कहा कि प्रदूषण के स्रोतों की पहचान करने के लिए आठ स्थानों पर विशेष दल तैनात किए जाएंगे और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के सहयोग से सुधारात्मक उपाय किए जाएंगे। राय ने यह भी कहा कि जिलाधिकारियों को 25 अक्टूबर को क्षेत्र निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं और कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रदूषण को कम करने के उपाय सख्ती से लागू हों। उन्होंने कहा, “ धूल प्रदूषण को रोकने के लिए ‘एंटी-स्मॉग गन’ में धूल शामक पाउडर का इस्तेमाल करने के भी निर्देश दिए गए हैं। धूल रोधी अभियान तेज़ किया जाएगा तथा और क्षेत्रों का निरीक्षण किया जायेगा।”
राय ने कहा कि डीजल जेनरेटर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और आपातकालीन सेवाओं के लिए इस्तेमाल किए जा रहे डीजल जेनरेटर को इससे छूट दी गई है। मंत्री ने कहा कि दिल्ली यातायात पुलिस को 95 चिन्हित यातायात चौराहों पर भीड़ कम करने के निर्देश जारी किए गए हैं जिससे वाहन प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) और दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) से ट्रेन और बसों के चक्कर बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
राय ने इस पर चिंता जताई कि ऐसा लगता है कि कई विभाग प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों को वायु की बिगड़ती गुणवत्ता और प्रदूषण से निपटने के लिए उनके विभाग द्वारा लागू किए जा रहे उपायों की जानकारी नहीं है। उन्होंने मुख्य सचिव से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ये अधिकारी अगले महीने तक लगन से काम करें जब वायु प्रदूषण के चरम पर रहने की आशंका है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों ने कहा कि तापमान में गिरावट और पराली जलाने से निकलने वाले धुएं के कारण दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता अगले कुछ दिनों तक “बहुत खराब” रहेगी। केंद्र सरकार की ‘वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय समर्थन प्रणाली’ का अनुमान है कि सोमवार से पराली जलाने में बढ़ोतरी हो सकती है। प्रणाली के मुताबिक, पराली जलाने से निकलने वाले धुएं की दिल्ली के पीएम 2.5 प्रदूषण में रविवार को हिस्सेदारी 16 फीसदी थी, जो सोमवार को बढ़कर 30-32 प्रतिशत हो सकती है।
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