माया सिंह ने मुन्नालाल के विरोध पर कहा- वह भाजपा के साथ, कांग्रेस बोली- 17 को पता चलेगा
ग्वालियर। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थक मुन्नालाल गोयल का टिकट कटने के बाद ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी माया सिंह पहली बार विरोध पर बोली हैं। उन्होंने कहा कि नाराज तो घर में बच्चे भी हो जाते हैं। यह सब अपने लोग हैं। उन्होंने कहा कि मैं खुद उनके घर गई थी, कोई बात अब नहीं है, वो बहुत अच्छे हैं और पार्टी में उनका सम्मान है। माया सिंह ने कहा कि जब वे सरकार में मंत्री थीं तो पूर्व विधानसभा क्षेत्र में कई काम हुए, लेकिन इसके बाद सब ठप पड़ गया।
उधर सामने कांग्रेस के प्रत्याशी डा. सतीश सिंह सिकरवार का कहना है कि 17 नवंबर को मतदाता सब बता देगा। नामांकन दाखिले के दौरान बयान दिया था कि भाजपा पत्ते की तरह उड़ जाएगी। बुधवार को माया सिंह ने सांसद विवेक शेजवलकर की मौजूदगी में कलेक्ट्रेट में नामांकन दाखिल किया।
मुन्नालाल गोयल हुए थे नाराज
बता दें कि ग्वालियर पूर्व विधानसभा में टिकट के दावेदार मुन्नालाल गोयल का टिकट कटने के बाद मुन्नालाल ने नाराजगी जताई। यहां से भाजपा ने भाजपा सरकार में मंत्री रह चुकीं माया सिंह को टिकट दिया है। टिकट कटने के बाद मुन्नालाल ने यह भी कहा था कि वफादारी में गला कटने का इनाम मिला है। वफादारी अब समझ आ रही है। मुन्नालाल के समर्थकों ने टिकट घोषणा के बाद नाराज होकर बारादरी चौराहे पर हंगामा व चक्काजाम किया था, जिसमें अज्ञात आरोपितों पर एफआइआर भी दर्ज की गई है। अगले दिन मुन्नालाल समर्थक महल पहुंच गए थे, जहां केंद्रीय मंत्री सिंधिया की गाड़ी रोकी और कार्यकर्ता पैरों में लेट गए थे। इसके बाद सिंधिया के समझाने पर मुन्नालाल गोयल मान गए और कहा कि भाजपा नहीं छोड़ेंगे।
मान तो गए मुन्ना, असंतोष अब भी
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समझाने पर भाजपा नेता मुन्नालाल गोयल फिलहाल मान तो गए हैं, लेकिन अंसतोष के संकेत अब भी हैं। अपने समर्थकों के बीच मुन्नालाल गोयल ने कहा था कि वह भाजपा नहीं छोड़ेंगे और यह विश्वास दिलाने का प्रयास किया था कि वह नाराज नहीं है। अब सिंधिया गुरुवार को गोयल वाटिका में शाम को दोबारा मुन्नालाल गोयल और समर्थकों के बीच जाकर चर्चा करेंगे। यह तो लगभग साफ है कि डैमेज कंट्रोल अब भी जारी है।
क्यों ऐसी स्थिति
पूर्व विधानसभा में सड़कें नापने वाले मुन्नालाल गोयल टिकट मिलने को लेकर आश्वस्त थे, वह पूर्व विधानसभा में वर्तमान विधायक से भी ज्यादा सक्रिय रहने के लिए आगे आगे रहते थे। अब टिकट कट गया तो झटका लगा और पिछले पांच साल से सक्रिय राजनीति से दूर बैठीं-बैठीं महल से माया सिंह को पार्टी ने टिकट पकड़ा दिया।
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