इस बार छह दिन का होगा दीपोत्सव, रूपचौदस व दीवाली एक ही दिन
ग्वालियर। दीपावली हिंदू धर्म का एक प्रमुख पर्व है,ये पर्व बड़ी ही धूमधाम से पूर्व भारत मे मनाया जाता है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि पंचांग के अनुसार दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या की तिथि पर मनाया जाता है। इस बार दिवाली का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा। यह पर्व इस बार छह दिन का रहेगा।
गणेश-लक्ष्मी पूजन मुहूर्त
दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 12 नवंबर को शाम 05 बजकर 40 मिनट से रात 07 बजकर 36 मिनट तक है। लक्ष्मी पूजन के लिए महानिशीथ काल मुहूर्त रात 11 बजकर 39 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
धनतेरस का शुभ मुहूर्त
हर साल कार्तिक माह कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस साल 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से धनतेरस की शुरुआत होगी और 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर इसका समापन होगा। इस बार 10, 11 नवंबर को दो दिन धनतेरस मनाया जाएगा।
रूप चतुर्दशी व दीवाली 12 को मनाई जाएगी
- कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी तिथि
- चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ- 11 नवम्बर को दोपहर 01:57 से।
- चतुर्दशी तिथि समाप्त- 12 नवम्बर को दोपहर 02:44 तक।
- चूंकि इस दिन प्रात: स्नान करने का महत्व है इसलिए 12 नवंबर को यह त्योहार मनाया जाएगा।
- अमावस तिथि रात्रि की जाती है इसलिए दीवाली पूजन 12 नवम्बर को होगा
- 14 नवम्बर को गोवर्धन पूजा और 15 को भाईदूज मनेगी।
दीवाली पर बनेंगे राजयोग
वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल दिवाली पर 4 राजयोग का निर्माण होने जा रहा है। जिसमें शनि देव ने शश राजयोग बनाया तो वहीं मंगल और सूर्य की युति से राजयोग बनने जा रहा है, वहीं शनि देव ही स्वराशि कुंभ में रहकर शश राजयोग बना रहे हैं। साथ ही इस बार आयुष्मान योग भी बन रहा है। ऐसे करके इस दिन 4 राजयोग बनने जा रहे हैं।
Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.