डिंडोरी में हाथियों ने घरों को तोड़ा, खेत में लगी फसलों को किया बर्बाद, दहशत में ग्रामीण
डिंडौरी गोरखपुर। जिले के सीमावर्ती क्षेत्र मे छत्तीसगढ़ से हाथियों के झुंड ने एक बार फिर प्रवेश कर आतंक मचाना शुरू कर दिया है। शुक्रवार की शाम हाथियों का झुंड विकासखंड करंजिया के ग्राम चौरादादर पहुंच गया था। यहां पर जंगल से लगे किसान के घर को क्षतिग्रस्त करने के साथ खेत में लगी धान की फसल को भी नुकसान पहुंचाया। शनिवार की सुबह हाथियों का झुंड छत्तीसगढ की ओर रवाना हो गया था।
शनिवार की रात दोबारा हाथियों का झुंड करंजिया के खारीडीह पंचायत के वनग्राम तरवरटोला वापस लौट आया। हाथियों के झुंड ने किसानों के घरों में तोडफोड की और गृहस्थी की सामग्री बर्बाद कर दी गई। खेतों में लगी फसलों को भी हाथियों ने नुकसान पहुंचाया है।
दहशत में हैं ग्रामीण
हाथियों की आमद से क्षेत्र के ग्रामीण दहशत में नजर आ रहे है। शनिवार को जहां झुंड में छह हाथी बताए जा रहे थे, वहीं रविवार को सात हाथी होने की बात सामने आ रही है। क्षेत्र के ग्रामीणों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के अचानकमार के जंगल से चढ़कर हाथी मध्य प्रदेश की सीमा में प्रवेश किए हैं। शनिवार कि सुबह हाथियों का झुंड वापस छत्तीसगढ़ चले गए थे, लेकिन शनिवार की रात फिर हाथी का झुंड वापस आ गया और क्षेत्र में उत्पात मचाया।
रतजगा कर रहे किसान
गौरतलब हैं कि फसल गहाई के ऐन मौके पर हाथियों की आमद ने क्षेत्र के किसानों की चिंता को बढ़ा दी है। किसानों ने बताया कि वर्तमान में धान, सोयाबीन की फसलें खेतों में कटाई के लिए पककर तैयार हैं। ऐसे में यदि हाथी फसलों को नुकसान पहुंचाते हैं तो निश्चित ही यह मुंह से निवाला छीनने जैसा होगा किसान फसलों के नुकसान की आशंका में रतजगा कर रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार की रात लगभग आठ बजे के आसपास तक हाथियों का झुंड वनग्राम तरवरटोला में ही डटा रहा और किसानों के खेतों की फसल को बेतहाशा नुकसान पहुंचाने के साथ खेत की खडी फसलों के ऊपर लोटते हुए चिंघाड रहे हैं। हाथियों के चिंघाड की आवाज से ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है।
किसानों ने की मुआवजा की मांग
ग्राम चौरादादर और तरवरटोला में फसलों और मकानों को हुए नुकसान से पीडित किसानों ने वन विभाग से मुआवजा की मांग की है। किसानों का कहना है कि ठंड अभी शुरू हुई है और हाथियों ने उनके आशियाने को क्षतिग्रस्त कर दिया है। ऐसे में उनकी परेशानी भी बढ़ गई है।
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